वुमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2023 में निकहत जरीन ने गोल्ड मेडल पर पंच लगाया और भारत को इस इवेंट में तीसरा स्वर्ण पदक दिलाया। निकहत जरीन ने 50 किलोग्राम भारवर्ग प्रतियोगिता में दो बार के एशियाई चैंपियन वियतनाम के गुयेन थी टैम को 5-0 से हराते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा किया।
इस इवेंट में नीकहत जरीन से पहले 48 किलोग्राम भारवर्ग में नीतू घनघस ने मंगोलिया की लुतासीखान को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता था। वहीं स्वीटी बोरा ने 81 किलोग्राम भारवर्ग में चीन की वैंग लीना को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। स्वीटी को करीबी मुकाबले में चीन की वैंग लीना के खिलाभ 4-3 से जीत मिली थी।
निकहत जरीन की बात करें तो वुमेंस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ये लगातार उनका दूसरा गोल्ड मेडल है। इससे पहले यानी साल 2022 में इंस्तांबुल में भी उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। लगातार दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद जरीन ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि दूसरी बार मैंने ये उपलब्धि अपने नाम की है। ये मेरी ओलिंपिक कैगेगरी भी है और मेरी आज की बाउट सबसे कठिन थी।
मेरी विरोधी एशियन चैंपियन भी रह चुकी हैं और मेरे लिए अच्छी बात ये है कि मेरा अगला लक्ष्य भी एशियन गेम्स भी है और मैं उसके लिए और भी ज्यादा मेहनत करूंगी। 50 किलोग्राम भारवर्ग में इतने बड़े-बड़े बाक्सर के खिलाफ लड़ना एक अलग तरह का अनुभव रहा। मैं इन सबसे सीखूंगी और अपने गेम को और ज्यादा बेहतर बनाने की कोशिश करूंगी।
फाइनल मैच में अपनी रणनीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये मेरे लिए बड़ा मौका था और मैं अपनी पूरी ताकत से लड़ी और मुझे इसका फल भी मिला। इस मैच में काफी उतार-चढ़ाव बाउट के दौरान हुए, लेकिन आखिरी राउंड में मेरी कोशिश थी कि मैं ज्यादा से ज्यादा अटैक करूं और मैंने यही किया।
उन्होंने कहा कि ये मेडल मेरे पूरे देशवासियों के लिए है और स्टेडियम में जो लोग भारत को सपोर्ट करने आए थे उनका बहुत-बहुत शुक्रिया। दर्शकों की सपोर्ट की वजह से हम प्रेरित होते हैं और हमें जोश आता है जिसका हमें लाभ मिलता है। मैंने इस प्रतियोगिता के लिए कड़ी मेहतन की थी और अब वर्ल्ड चैंपियन बनने पर मुझे काफी खुशी हो रही है।