बोले महेंद्र सिंह धोनी- 10 गेंदों तक बढ़ी रहती है मेरे दिल की धड़कन, दबाव में रहता हूं
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि सिर्फ खेल ही नहीं बल्कि जीवन में भी मेंटल हेल्थ महत्वपूर्ण है। धोनी आईपीएल से पेशेवर क्रिकेट में वापसी करने वाले थे, लेकिन कोरोनावायरस के कारण टूर्नामेंट को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया।

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी करीब 10 महीने से पेशेवर क्रिकेट से दूर हैं। माही ने इस दौरान कभी भी कोई बयान नहीं दिया। वर्ल्ड कप के 10 मीहने के बाद अब उन्होंने मेंटल हेल्थ पर बात करते हुए कहा कि भारत में लोग इसके बारे में बात करने से हिचकते हैं। धोनी ने कहा, ‘‘खिलाड़ी इस बात को स्वीकार नहीं करते कि उन्हें कुछ मानसिक समस्या है। इसलिए टीम के साथ हमेशा एक मेंटल कंडीशनिंग कोच रहना चाहिए। मैं अपनी पारी की शुरुआत में दबाव महसूस करता हूं। डर भी लगता है और ये सबके साथ होता है।’’
धोनी ने कहा, ‘‘कोई भी असल में यह नहीं कहता कि जब मैं बल्लेबाजी के लिए जाता हूं तो पहली पांच से दस गेंद तक मेरे दिल की धड़कन बढ़ी होती है, मैं दबाव महसूस करता हूं , मैं थोड़ा डरा हुआ भी होता हूं क्योंकि सभी इसी तरह महसूस करते हैं। दरअसल, यह एक छोटी समस्या है, लेकिन कई बार कोच से इसके बारे में बात करने से हिचकते हैं। इसलिए हमारे खेल में कोच और खिलाड़ियों के बीच रिश्ता महत्वपूर्ण है।’’
भारत और चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व क्रिकेटर एस. बद्रीनाथ के MFORE (मेंटल हेल्थ को लेकर काम करने वाली संस्था) द्वारा आयोजित सत्र में क्रिकेट, वॉलीबॉल, टेनिस और गोल्फ सहित विभिन्न खेलों के शीर्ष कोचों के साथ बात करते हुए धोनी और कोहली ने अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि सिर्फ खेल ही नहीं बल्कि जीवन में मेंटल हेल्थ सबसे महत्वपूर्ण है।
मेंटल कंडीशनिंग कोच की जरूरतों पर बात करते हुए 38 साल के धोनी ने कहा, ‘‘मेंटल कंडीशनिंग कोच वह नहीं होना चाहिए जो 15 दिनों के लिए आता है, क्योंकि जब आप 15 दिनों के लिए आते हैं तो आप केवल अनुभव साझा कर रहे हैं। यदि मेंटल कंडीशनिंग कोच लगातार खिलाड़ी के साथ हैं, तो वह समझ सकता है कि वे कौन से क्षेत्र हैं जो उसके खेल को प्रभावित कर रहे हैं।” धोनी आईपीएल से पेशेवर क्रिकेट में वापसी करने वाले थे, लेकिन कोरोनावायरस के कारण टूर्नामेंट को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया।