साल 2020-21 में सिडनी टेस्ट के दौरान मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) के साथ दर्शकों ने नस्लीय दुर्व्यवहार किया था। इस घटना को हुए लगभग डेढ़ साल हो चुके हैं, लेकिन यादें और उसके घाव आज भी ताजा हैं। विराट कोहली की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस सीरीज में टीम इंडिया की कमान संभालने वाले अजिंक्य रहाणे ने बताया है कि हमने गाली देने वालों को मैदान से बाहर निकालने की मांग की थी, लेकिन अंपायर्स का जवाब काफी हैरान करने वाला था।
उस न्यू ईयर डे टेस्ट के तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद, भारतीय खिलाड़ियों ने मैच अधिकारियों से उन पर हुए दुर्व्यवहार के बारे में बात की थी, लेकिन अगली सुबह भी वह सब जारी रहा तो भारतीयों ने अंपायर्स को चेतावनी दी। खेल दस मिनट के लिए रोक दिया गया और लोगों के एक समूह को स्टैंड से बेदखल करने के बाद दोबारा खेल शुरू हुआ।
ईएसपीएन क्रिकइंफो से बातचीत में अजिंक्य रहाणे ने खुलासा किया कि अंपायरों पॉल रीफेल और पॉल विल्सन ने कहा था कि यदि वे खेलना नहीं चाहते हैं तो ड्रेसिंग रूम लौट जाएं, लेकिन भारतीय टीम ने दर्शकों को बाहर निकालने और टेस्ट मैच जारी रखने पर जोर दिया था। अजिंक्य रहाणे ने कहा, ‘जब सिराज (Mohammed Siraj) फिर से मेरे पास आया (एक दिन पहले गाली देने के बाद, मैच के चौथे दिन) तो मैंने अंपायरों से कहा कि उन्हें कार्रवाई करने की जरूरत है और हम तब तक नहीं खेलेंगे।’ मुंबई में एक जून 2022 को एक कार्यक्रम के दौरान उस सीरीज पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘बंदों में था दम’ को लॉन्च किया गया।
अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने बताया, ‘अंपायर्स ने कहा कि आप खेल को रोक नहीं सकते। चाहें तो वॉक आउट कर सकते हैं। हमने कहा कि हम यहां खेलने के लिए आएं हैं न कि ड्रेसिंग रूम में बैठने के लिए। हमने गाली देने वालों को मैदान से बाहर निकालने पर जोर दिया। जिस स्थिति से वह (सिराज) गुजरा था, उसे देखते हुए हमारे सहयोगी का समर्थन करना जरूरी था। सिडनी में जो हुआ वह पूरी तरह गलत था।’
उस टेस्ट मैच में हनुमा विहारी के साथ मिलकर रविचंद्रन अश्विन ने बल्ले से वीरतापूर्ण खेल का परिचय दिया था। अश्विन ने मैच के बाद कहा था, ‘व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि एडिलेड और मेलबर्न उतने बुरे नहीं थे। लेकिन सिडनी में यह लगातार होता रहा है। मैंने भी इसका अनुभव किया है। वे (ऑस्ट्रेलियाई) खराब हो जाते हैं।’
खेल में नस्लवाद पर चर्चा के दौरान अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने बुधवार को कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इसका किसी विशेष देश के लोगों के एक विशेष वर्ग से कोई लेना-देना है। हर जगह लोग मानते हैं कि वे बहुसंख्यक हैं और उनके पास अपना रास्ता है। मुझे लगता है कि नस्लवाद इसका एक सिरा है, जहां लोग मानते हैं कि यह किसी के साथ भेदभाव का एक तरीका है। एकमात्र समाधान बेहतर पालन-पोषण और बेहतर जागरुकता है।’
अश्विन ने कहा, ‘हां, यह उस मैदान (सिडनी क्रिकेट ग्राउंड) और उस देश (ऑस्ट्रेलिया) में और भी बहुत कुछ हुआ। लेकिन इससे उबरना यह उनका (सिराज) साहस था।’ अश्विन ने कहा, ‘यह (नस्लवाद) एक ऐसी चीज है जिसकी निंदा करनी चाहिए। लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि हर जगह लोग अलग-अलग आधार पर लोगों को अलग कर रहे हैं, जो सही नहीं है।’