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इस कारण क्रिकेट को अलविदा कहना चाहते थे मोहम्मद शमी, रवि शास्त्री के समझाने पर बदला था फैसला; पूर्व कोच का खुलासा

इंग्लैंड के 2018 के दौरे से ठीक पहले भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद मोहम्मद शमी ने भारत के तत्कालीन मुख्य कोच और गेंदबाजी कोच के साथ बातचीत के बाद अपना फैसला बदला था।

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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री और मोहम्मद शमी। (सोर्स- पीटीआई)

भारत ने 2023 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के 4 में से पहला टेस्ट जीत लिया है। नागपुर में खेले गए पहले टेस्ट में भले ही रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने गेंदबाजी से कहर बरपाया हो, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने की शुरुआत मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी ने ही की थी। शमी ने पहले की दूसरी पारी में दो विकेट लिए थे।

जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में, शमी ने सभी फॉर्मेट्स में भारतीय टीम के तेज आक्रमण के अगुआई की है। इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ रायपुर में तीन विकेट लेने के बाद शमी ने कहा था, टीम में आने के बाद से मेरी भूमिका नहीं बदली है। बस एक ही चीज है कि फिटनेस और डाइट पर काम करते रहना है।

हालांकि, 2018 में यह उनकी फिटनेस थी जिसके कारण उन्होंने प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह गंवा दी थी। वह करियर के उस मोड़ पर पहुंच गए थे जहां उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था। तब वह रवि शास्त्री ही थे, जिनके समझाने पर शमी ने फैसला बदला था और फिटनेस पर काम करने के लिए एक महीना राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में बिताया था। भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने हाल ही में यह खुलासा किया।

मानसिक रूप से परेशान थे मोहम्मद शमी

भरत अरुण ने कहा, ‘साल 2018 के इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले फिटनेस टेस्ट हुआ था और शमी इसमें फेल हो गए थे। उन्होंने भारतीय टीम में अपनी जगह खो दी। उसने मुझे फोन किया और कहा कि वह मुझसे बात करना चाहता है। मैंने उसे अपने कमरे में बुलाया। उसकी निजी जिंदगी में उथल-पुथल मची थी। इसका उनकी फिटनेस पर असर पड़ा। वह मानसिक रूप से भी परेशान थे।’

पत्नी हसीन जहां ने लगाए थे कई आरोप

बता दें कि यह वही दौर था जब शमी की पत्नी हसीन जहां ने उन पर कई तरह के आरोप लगाए थे। शमी ने लॉकडाउन के दौरान इरफान पठान के साथ इंस्टाग्राम लाइव पर स्वीकार किया था कि उन्होंने आत्महत्या करने तक की सोची थी।

क्रिकेट नहीं खेलेगो तो क्या करोगे?

भरत अरुण ने कहा, ‘शमी मेरे पास आए और कहा- मैं बहुत गुस्से में हूं और मैं क्रिकेट छोड़ना चाहता हूं। मैं तुरंत शमी को रवि शास्त्री से मिलाने ले गया। हम दोनों उसके कमरे में गए और मैंने कहा ‘रवि, शमी कुछ कहना चाहता है। रवि ने पूछा कि क्या है। शमी ने उनसे वही बात कही कि मैं क्रिकेट नहीं खेलना चाहता। हम दोनों ने पूछा- क्रिकेट नहीं खेलोगे तो क्या करोगे? और क्या जानते हो?’

अपना गुस्सा अपने शरीर पर निकालो

भरत अरुण ने बताया, ‘तो रवि ने कहा अच्छा है कि तुम गुस्सा हो। यह सबसे अच्छी चीज है जो आपके साथ हुई है, क्योंकि आपके हाथ में गेंद है। आपकी फिटनेस खराब है। आपके दिल में जितना भी गुस्सा है, उसे अपने शरीर पर निकालो। हम आपको राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी भेजने जा रहे हैं और चाहते हैं कि आप वहां 4 सप्ताह तक रहें। आप घर नहीं जाएंगे और केवल एनसीए जाएंगे।’

भरत अरुण ने आगे बताया, ‘यह शमी के अनुकूल भी था, क्योंकि उन्हें तब कोलकाता जाने में समस्या थी इसलिए उन्होंने एनसीए (NCA) में 5 सप्ताह बिताए। मुझे अब भी वह फोन कॉल याद है, जब उसने मुझसे कहा था, ‘सर अब मैं एक घोड़े की तरह हो गया हूं। जितना चाहो मुझे दौड़ाओ। उसने जो 5 हफ्ते वहां बिताए। उसने महसूस किया कि फिटनेस पर काम करने से उसे क्या फायदा हो सकता है।’

NCA में समय बिताने का मोहम्मद शमी को मिला फायदा

बातचीत और एनसीए में बिताए गए सप्ताह निर्णायक साबित हुए। शमी ने भारतीय प्लेइंग इलेवन में वापसी की और इंग्लैंड के 2018 के दौरे पर पांच टेस्ट मैचों में 16 विकेट लेकर दूसरे प्रमुख विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने। उसी साल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला के दौरान 16 विकेट भी लिए। टेस्ट में शमी का गेंदबाजी औसत भी उनकी वापसी के बाद कम हुआ। इस घटना से पहले के 30 टेस्ट में शमी का औसत 28.90 था। इसके बाद 31 टेस्ट मैच में उनका गेंदबाजी औसत घटकर 25.52 हो गया।

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First published on: 14-02-2023 at 18:41 IST
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