इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2020 के दौरान एक भारतीय क्रिकेटर से कथित तौर पर अवैध तरीके से संपर्क करने का मामला सामने आया है। दिल्ली की एक नर्स पर खिलाड़ी से सोशल मीडिया पर टीम की गोपनीय जानकारी मांगने का आरोप लगा। ऐसा उसने इसलिए किया था, क्योंकि वह आईपीएल के मुकाबलों पर दांव लगाना चाहती थी। कोरोनावायरस के कारण आईपीएल 2020 संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेला गया था। यह टूर्नामेंट 19 सितंबर से 10 नवंबर के बीच खेला गया था।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, आईपीएल 2020 के बीच 30 सितंबर को दक्षिण दिल्ली के एक अस्पताल में काम करने वाली नर्स ने क्रिकेटर से जानकारी मांगी थी। कई साल पहले भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके क्रिकेटर ने मामले की जानकारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) को दी थी। सूत्रों का कहना है कि नर्स और क्रिकेटर की मुलाकात करीब तीन साल पहले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हुई थी। नर्स ने खुद को डॉक्टर और क्रिकेटर का फैन बताया था। उसने क्रिकेटर से कहा था कि वह दिल्ली की रहने वाली है और एक निजी अस्पताल में डॉक्टर है। यह भी पता चला है कि क्रिकेटर ने हाल ही में भी उससे संपर्क किया था और कोरोनोवायरस संक्रमण के खिलाफ सावधानी बरतने के लिए उससे सलाह मांगी थी।
बीसीसीआई एसीयू प्रमुख अजीत सिंह ने भी मामले की पुष्टि की। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब यह केस बंद हो गया है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘खिलाड़ी ने हमें आईपीएल के दौरान जानकारी दी थी। हमने इसकी जांच की और अब मामला बंद है। खिलाड़ी से संपर्क करने वाली महिला अनप्रफेशनल (किसी भी सट्टेबाजी सिंडिकेट से संबंध नहीं रखने वाली) थी। उसका किसी से कोई (सट्टेबाजों से) संपर्क नहीं मिला।’
उन्होंने बताया, ‘हमने मामले की पूरी छानबीन की। आरोपी खिलाड़ी को जानती थी। खिलाड़ी से हमने मामले की सारी जानकारी ली। हमने महिला को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन कुछ नहीं मिला। यह मामला बंद है।’ बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ‘क्रिकेटर ने एसीयू को बताया था कि वह महिला से कभी नहीं मिला और केवल सोशल मीडिया पर ही उससे बातचीत होती थी।’
यह मामला तब सामने आया जब इसके महीने बाद एक अन्य खिलाड़ी ने भी एसीयू से संपर्क किया कि उससे एक परिचित ने आईपीएल को लेकर संपर्क किया। इसे संदिग्ध पाते हुए उस खिलाड़ी ने टीम प्रबंधन को भी जानकारी दी थी। एसीयू ने आईपीएल 2020 शुरू होने से पहले खिलाड़ियों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन सेमिनार आयोजित किए थे।
उन सेमिनार्स में उन्हें फैंस या शुभचिंतकों का दावा करने वाले लोगों के बारे में बताया था। खिलाड़ियों और अधिकारियों को बताया गया था कि लोग कैसे उन्हें सोशल मीडिया पर झांसा दे सकते हैं। साल 2013 में आईपीएल में ही स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया था। इसके बाद चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।