स्मृतिशेष: जब माराडोना ने फुटबॉल के आकार का केक काटने से किया था इनकार
अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर माराडोना अक्टूबर 2012 में एक निजी कार्यक्रम में दो दिन के लिए केरल आये थे। भारतीय फुटबॉाल टीम के पूर्व कप्तान आईएम विजयन ने कहा, ‘यह यकीन करना मुश्किल है कि वह हमारे बीच नहीं रहे।’

फुटबॉल के लिए डिएगो माराडोना का जुनून और प्यार किसी से छिपा नहीं है। भारत के महान फुटबॉलर आईएम विजयन ने तो इसे करीब से तब देखा जब अर्जेंटीना के इस दिग्गज ने फुटबॉल के आकार का केक काटने से इनकार कर दिया था। कुछ साल पहले केरल में एक निजी कार्यक्रम के दौरान भारत के पूर्व कप्तान विजयन को माराडोना के साथ समय बिताने का मौका मिला था।
उन्होंने कहा, ‘कन्नूर में 2012 में मैंने देखा कि माराडोना के लिए फुटबॉल के क्या मायने हैं। समारोह में मैदान के आकार का एक केक बनाया गया था जिसमें सबसे ऊपर फुटबॉल रखी थी। माराडोना ने जब इसे देखा तो उन्होंने केक काटने से इनकार कर दिया।’ विजयन ने कहा कि उस घटना से उन्हें पता चला कि फुटबॉल और मैदान की माराडोना के लिए क्या अहमियत है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने केक का बाहरी हिस्सा ही काटा। मैं कह सकता हूं कि स्टेज पर उनके साथ दो मिनट फुटबॉल खेलना मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से है।’
विजयन ने कहा कि माराडोना का बेलागपन और बच्चों की तरह उत्साह उनके जीवन की कई समस्याओं का कारण रहा। उन्होंने कहा, ‘वह दिल से बच्चे ही थे। अपने बेलागपन के कारण समस्याओं से घिर जाते थे। वह साफ साफ कहने में विश्वास रखते थे।’ विजयन ने कहा, ‘वह भले ही हमारे बीच नहीं हो लेकिन फुटबॉलरों के दिलों में वह हमेशा रहेंगे। मेरे लिये वह भगवान हैं और भगवान कभी मरते नहीं।’
भारतीय फुटबॉाल टीम के पूर्व कप्तान आईएम विजयन ने कहा, ‘यह यकीन करना मुश्किल है कि वह हमारे बीच नहीं रहे।’ अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर माराडोना अक्टूबर 2012 में एक निजी कार्यक्रम में दो दिन के लिए केरल आये थे। उन्हें लेकर लोगों में इस कदर दीवानगी थी कि कार्यक्रम से तीन दिन पहले ही स्टेडियम में लोग जुटने शुरू हो गए थे।
चौदह भाषाओं में गाने वाले चार्ल्स एंथोनी को माराडोना ने गले लगाया था और उनके साथ कुछ स्पेनिश गीत गाए थे। एंथोनी ने कहा, ‘मैं 25 साल से संगीतकार हूं, लेकिन मुझे एक गायक के रूप में पहचान तब मिली जब माराडोना के सामने कन्नूर स्टेडियम में मैने एक स्पेनिश गीत गाया।’ उन्हें कोलकाता में फिर माराडोना से मिलने और उनके सामने गाने का मौका मिला। उन्होंने इतालवी, क्यूबान और स्पेनिश में गीत सुनाए, तब माराडोना ने उन्हें गले लगा लिया था। उन्होंने कहा, ‘वह काफी मासूम थे और फुटबॉल के अलावा उनकी कोई दुनिया नहीं थी।’
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