धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘हमने 190 (188 रन) रन बनाए, मुझे लगा था कि हम और रन बना सकते थे। मैंने पहली छह गेंद जिस तरह खेली (पांचवीं गेंद में एक रन से खाता खोला) उससे अगर कोई और मैच होता तो हम उसे गंवा सकते थे।’’ धोनी ने स्वीकार किया कि उम्र बढ़ने के साथ फिटनेस बरकरार रखना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘उम्रदराज होना और फिट रहना दोनों अलग बातें हैं। जब आप खेल रहे होते हो तो नहीं चाहते कि कोई भी आपको अनफिट कहे। कोई भी अच्छे प्रदर्शन की गारंटी नहीं दे सकता।’’
धोनी ने इसके आगे कहा, ‘‘जब मैं 24 साल का था तब मैं भी ये गारंटी नहीं दे सकता। इसी तरह मैं अब 40 साल की उम्र में भी ऐसा नहीं कर सकता,. लेकिन अगर कम से कम लोग मेरी ओर देखकर ये न कहें कि मैं अनफिट हूं तो मेरे लिए यही बेहद सकारात्मक बात है।’’ धोनी ने 17 गेंद पर 18 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 2 चौके लगाए। धोनी का स्टाइक रेट उनकी प्रतिष्ठा के अनुरुप नहीं था। उन्होंने 105.88 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
मैच में टॉस जीतकर राजस्थान ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। चेन्नई ने 20 ओवर में 9 विकेट पर 188 रन बनाए। वानखेड़े स्टेडियम के हालिया रिकॉर्ड को देखते हुए यह कम स्कोर था। क्रिकेट विशेषज्ञों को लगा कि चेन्नई की टीम 20-30 रन कम बनाई है। लेकिन धोनी ने अपनी कप्तानी से मैच को पलट दिया। उन्होंने अपने स्पिन गेंदबाजों का बखूबी इस्तेमाल किया। राजस्थान की टीम 20 ओवर में 9 विकेट पर 143 रन ही बना सकी। मोईन अली ने 3 और रविंद्र ने 2 विकेट लिए।