कभी मुंबई इंडियंस में लेना चाहते थे सचिन, अबतक 20 फ्रेंचाइजी टीमों से खेल 500 विकेट और 6500 रन बना चुका है धोनी का यह चहेता ऑलराउंडर
2008 में जब आईपीएल की शुरुआत हुई थी तब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ब्रावो को मुंबई इंडियंस में शामिल करना चाहते थे। ब्रावो 2011 के आईपीएल ऑक्शन में बिकने वाले वेस्ट इंडीज के इकलौते खिलाड़ी थे।

IPL 2020: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 13वां संस्करण आज से यूएई में शुरू होने जा रहा है। सीज़न का पहला मैच मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच अबु धाबी के शेख जायेद स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मैच में सब की नज़रें करेबियन ऑलराउंडर ड्वेन ब्रावो पर रहेंगी। ब्रावो दुनिया के सबसे अच्छे टी20 ऑलराउंडर माने जाते हैं।
2008 में जब आईपीएल की शुरुआत हुई थी तब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ब्रावो को मुंबई इंडियंस में शामिल करना चाहते थे। ब्रावो 2011 के आईपीएल ऑक्शन में बिकने वाले वेस्ट इंडीज के इकलौते खिलाड़ी थे। उस साल तूफानी बल्लेबाज क्रिश गेल को भी किसी ने नहीं खरीदा था। उस साल जब वे 21 घंटे लंबी उड़ान के बाद भारत पहुंचे तो चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी चाहते थे कि उसी शाम वे चेन्नई के लिए मैदान में उतरें।
ब्रावो धोनी के चहेते खिलाड़ी हैं। धोनी उन पर आंख बंद कर के भरोसा करते हैं। पिछले कैस सालों से ब्रावो अक्सर सीएसके के प्रदर्शन विश्लेषक लक्ष्मी नारायणन से एक ही सवाल करते हैं कि धोनी खेल में दबाव की स्थितियों में उनपर इतना भरोसा क्यों करते हैं? इसपर लक्ष्मी उन्हें बताते हैं कि धोनी उनकी बहुत इज्ज़त करते हैं। जब वेस्टइंडीज बोर्ड ने उनके टैलंट की कद्र नहीं की थी तब ब्रावो पर धोनी ने भरोसा दिखाया था।
ब्रावो अबतक दुनिया भर में 20 से ज्यादा फ्रेंचाइजी टीमों के लिए टी20 मैच खेल चुके हैं। जिसमें उन्होने अबतक 500 विकेट चटकाए हैं और 6500 से ज्यादा रन बनाए हैं। दुनिया में किसी अन्य गेंदबाज ने टी20 में अबतक 400 विकेट भी नहीं लिए हैं।
दुनिया की इस सबसे बड़ी पेशेवर टी20 लीग के इतिहास की दो सबसे सफल टीमें- मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स पहले मैच में एक दूसरे के सामने होंगी। बेशक दोनों टीमें लीग की विजयी शुरुआत चाहेंगी, लेकिन राह किसी भी आसान नहीं रहेगी।
दोनों टीमों का फैन बेस काफी मजबूत है और जब यह दोनों टीमें मैदान पर उतरती हैं तो स्टेडियम में इनके फैंस सीटों पर खड़े हो जाते हैं लेकिन इस बार कोविड-19 के कारण स्टेडियम में फैंस नहीं होंगे और खाली स्टेडियम में मैच खेले जाएंगे। निश्चित तौर पर फैंस की कमी टीमों को खलेगी।