50 पैसे से शुरू हुआ था शोएब अख्तर से रावलपिंडी एक्सप्रेस बनने का सफर, कपिल शर्मा के शो में दिग्गज क्रिकेटर ने सुनाई थी कहानी
शोएब अख्तर जब करीब तीन साल के थे, तो उन्हें काली खांसी की बीमारी हो गई थी। कई लोग कह चुके थे कि यह लड़का कभी ठीक नहीं होगा। हालांकि, शोएब की मां ने हिम्मत नहीं हारी और उसका नतीजा दुनिया के सामने है।

The Kapil Sharma Show:पाकिस्तान के शोएब अख्तर के नाम दुनिया की सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड आज भी दर्ज है। उन्हें रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, बहुत कम लोगों को पता होगा कि शोएब अख्तर से रावलपिंडी एक्सप्रेस बनने का सफर 50 पैसे से शुरू हुआ था। कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो में शोएब अख्तर ने खुद यह राज उजागर किया था। कपिल के उस शो में शोएब अख्तर के बतौर गेस्ट हरभजन सिंह भी मौजूद थे।
शो के दौरान कपिल ने शोएब अख्तर से सवाल पूछा था, ‘शोएब पाजी आपको रावलपिंडी एक्सप्रेस कहा जाता है। यह रावलपिंडी एक्सप्रेस का सफर जो है कौन से स्टेशन से शुरू हुआ था?’ शोएब ने कहा, ‘यार यह शुरू हुआ था, 50 पैसे से लेकर एक रुपए तक, और एक रुपए से वह लंबी 4-4, 5-5 मील की वाक (चलना), 4-4, 5-5 मील का भागना, जुनून, एक पागलपन और एक पहुंचने की लगन थी।’ कपिल ने पूछा, ‘पाजी आपकी फैमिली में कोई क्रिकेट खेलता था पहले?’ इस पर शोएब अख्तर ने कहा, ‘सारे भाई खेलते थे। मुझे तीनों भाई इसलिए लेकर जाते थे कि मैच देखेगा। एक बार एक बंदा घायल हो गया। किसी ने मेरे भाई से कहा यार एक लड़का कम हो गया, अब क्या करें।’
शोएब ने बताया, ‘इस पर मेरे भाई ने कहा शोएब को खिला लो।’ उसने कहा कि अरे यह बच्चा है छोटा सा। इस पर भाई ने कहा कि बॉलिंग करा दो, बैटिंग नहीं कराएंगे।’ शोएब ने बताया, ‘उन्होंने मुझे फेंकने के लिए गेंद दी। मैं गेंद लेकर पीछे की ओर जाने लगा। इस पर उन्होंने कहा, भाई वापस आ बॉलिंग करनी है। मैंने कहा ये रनअप है। ऐसे भागते हैं। उन्होंने कहा, आओ जनाब फिर। फिर मैं दौड़ते हुए आया, एक मिनट लगाया और पहली गेंद में ही उसके टुमटुमे (सिर) पर लगी।’
ये हैं शोएब के बारे में कुछ अन्य खास बातें
- शोएब अख्तर के पैर के तलवे फ्लैट थे। इस वजह से शुरुआत में चलना तो दूर वह ठीक से खड़े भी नहीं हो पाते थे। करीब 6 साल तक उन्हें चलने में बहुत दिक्कत आती थी।
- करीब तीन साल की उम्र में उन्हें काली खांसी की बीमारी हो गई थी। कई लोग कह चुके थे कि ये लड़का कभी ठीक नहीं होगा। हालांकि, शोएब की मां ने हिम्मत नहीं हारी।
- शोएब जब इस बीमारी से ठीक हुए तो वह चलने की बजाय सीधे दौड़ने लगे। उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी Controversially Yours में भी इसका जिक्र किया है।
- डॉक्टरों ने कहा था कि शोएब के फेफड़े हमेशा के लिए कमजोर हो चुके हैं। दरअसल काली खांसी की बीमारी के कारण शोएब के फेफड़ों का साइज सामान्य से बढ़ गया था।
- हालांकि, शोएब ने अपनी इस कमी को अपनी ताकत बनाया। साइज बढ़ने के कारण वह देर तक सांस रोकने लगे। उनमें दूसरे बच्चों के मुकाबले ज्यादा एनर्जी रहती थी।
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