ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे और आखिरी एकदिवसीय मैच में सूर्यकुमार यादव फिर अपना खाता नहीं खोल पाए। सूर्यकुमार यादव लगातार तीसरे वनडे में गोल्डन डक (पहली ही गेंद पर आउट होना) हुए। लगातार तीन मुकाबलों में असफल रहने के बाद वनडे फॉर्मेट में सूर्यकुमार यादव को चुने जाने लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।
सूर्यकुमार यादव पहले भारतीय क्रिकेटर नहीं हैं, जो एकदिवसीय मुकाबलों में लगातार तीन बार बिना खाता खोले पवेलियन लौटे हैं। इस लिस्ट में महान सचिन तेंदुलकर का नाम भी शामिल है। आइए लगातार तीन वनडे में शून्य पर आउट होने वाले भारतीय क्रिकेटर्स के बारे में जानते हैं।
सचिन तेंदुलकर: सचिन तेंदुलकर को अपना पहला एकदिवसीय शतक लगाने के लिए 78 मैच और करीब 5 साल तक इंतजार करना पड़ा था। सचिन तेंदुलकर ने नवंबर 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था।
सचिन ने पहला एकदिवसीय शतक (110 रन) 9 सितंबर 1994 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में लगाया था। खास यह है कि अगली तीनों पारियों में वह बिना खाता खोले पवेलियन लौटे थे। बस फर्क इतना था कि वह तीनों बार गोल्डन डक नहीं हुए थे।
अनिल कुंबले: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और कोच रह चुके अनिल कुंबले 1996 में लगातार तीन मुकाबलों में शून्य पर पवेलियन लौटे थे। अनिल कुंबले मई 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ दो एकदिवसीय मुकाबलों में शून्य पर आउट हो गए थे। छह सितंबर 1996 में वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में भी कोई रन नहीं बना पाए। मई से 6 सितंबर के बीच उन्होंने तीन वनडे और खेले, लेकिन किसी में भी बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला।
जहीर खान: जहीर खान ने नवंबर 2003 से मार्च 2004 के बीच लगातार तीन एकदिवसीय मुकाबलों में शून्य पर आउट हुए। जहीर खान 18 नवंबर 2003 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में शून्य पर आउट हुए। इसके बाद 2004 में पाकिस्तान में लगातार दो एकदिवसीय में शून्य पर आउट हुए।
इशांत शर्मा: इशांत शर्मा अगस्त 2010 से जून 2011 के बीच लगतार तीन वनडे में शून्य पर पवेलियन लौटे। इशांत शर्मा 28 अगस्त 2010 को श्रीलंका के खिलाफ शून्य पर आउट हुए। इसके बाद 13 जून और 16 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे में शून्य पर आउट हुए।
जसप्रीत बुमराह: जसप्रीत बुमराह 2017 से मार्च 2019 के बीच लगातार तीन वनडे में शून्य पर आउट हुए। इस दौरान वह जिन टीमों के खिलाफ खेले वे श्रीलंका, वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया थीं।