रियो ओलंपिक में भारत से स्वर्ण की उम्मीद करना व्यावहारिक नहीं: ओल्टमैंस
ओल्टमैंस ने कहा कि उनका टूर्नामेंट जीतने को लेकर रवैया भारतीयों से भिन्न है जो केवल पदक को लक्ष्य लेकर चलते हैं।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच रोलैंट ओल्टमैंस ने मंगलवार (29 मार्च) को कहा कि इस साल रियो ओलंपिक में भारत से स्वर्ण पदक की उम्मीद करना व्यावहारिक नहीं होगा। ओल्टमैंस का मानना है कि उनकी टीम अभी शीर्ष छह में जगह बनाने पर ध्यान दे रही है और इससे बेहतर प्रदर्शन बोनस होगा। उन्होंने यहां साई सेंटर में अभ्यास सत्र के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘पिछले ओलंपिक में भारत 12वें स्थान पर रहा था और दो साल पहले विश्व कप में छठे स्थान पर आया था इसलिए पदक की उम्मीद करना कितना व्यावहारिक है। यदि हम शीर्ष छह में पहुंचते हैं और इससे बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो यह बोनस हो सकता है। ’’
ओल्टमैंस ने कहा कि उनका टूर्नामेंट जीतने को लेकर रवैया भारतीयों से भिन्न है जो केवल पदक को लक्ष्य लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रवैया भारतीयों से अलग है। भारतीय स्वर्ण, रजत या कप जीतने का सपना देखते हैं। इसके विपरीत मैं टूर्नामेंट में एक समय में एक मैच जीतने पर ध्यान देता हूं।’’उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिये टूर्नामेंट का परिणाम बहुत महत्वपूर्ण नहीं हैं बल्कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ अपनी रणनीति को अच्छी तरह अंजाम तक पहुंचाना महत्वपूर्ण है। ’’
ओल्टमैंस को लगता है कि आगामी सुल्तान अजलन शाह कप उनके खिलाड़ियों की रियो ओलंपिक की तैयारियों के लिये आदर्श टूर्नामेंट होगा। भारतीय टीम को छह अप्रैल से मलेशिया के इपोह में शुरू होने वाले 25वें अजलन शाह कप में न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, जापान, कनाडा और मेजबान मलेशिया से भिड़ना है।
हॉलैंड के रहने वाले ओल्टमैंस को लगता है कि युवा और अनुभवी खिलाड़ियों की टीम टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करेगी। वह टीम में विशेषज्ञ खिलाड़ियों को लगाने पर जोर दे रहे हैं और ऐसा करने से पिछले सत्र में उन्हें काफी फायदा हुआ था। ओल्टमैंस ने कहा, ‘‘हमारे पास प्रत्येक विभाग में अब विशेषज्ञ खिलाड़ी हैं जिससे खिलाड़ियों को अपनी भूमिका बेहतर रूप से समझने में मदद मिल रही है। हाकी इंडिया लीग ने निश्चित रूप से कुछ बेहतरीन प्रतिभायें लाने में सहायता की है लेकिन अब उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी काबिलियत साबित करनी होगी। ’’
भारत का सुल्तान अजलन शाह कप में प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है, टीम ने पांच बार 1985, 1991, 1995, 2009 और 2010 में खिताब जीता हैं तथा छह मौकों पर कांस्य पदक और एक बार 2009 में उप विजेता रहा। ओल्टमैंस ने कहा, ‘‘हम इस समय खुद पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालना चाहते, हम एक बार में एक ही मैच पर ध्यान लगाना चाहते हैं। ’’उन्होंने कहा, ‘‘सुल्तान अजलन शाह कप टीम के सभी युवाओं के लिये खुद को साबित करने का मौका होगा कि वे इस साल रियो में बड़े मंच के लिये तैयार हैं। ’’