हरभजन सिंह का मानना है कि पुरुष टीम के मुख्य राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में कद्दावर पूर्व क्रिकेटर की सेवाएं लेने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को मोटी रकम खर्च करने के लिए तैयार रहना चाहिए। भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हभजन सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज सेशन में यह बात कही। इस दौरान यह भी कहा कि वह भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का चीफ सेलेक्टर बनने के लिए तैयार हैं, लेकिन तभी यह पद स्वीकारेंगे जब उन्हें सीनियर टीम के हेड कोच के बराबर सैलरी ऑफर की जाएगी।
हरभजन ने महसूस किया है कि ब्रॉड कॉस्टर्स के कॉमेंट्री पैनल में होने के कारण शीर्ष पूर्व क्रिकेटर्स को मुख्य चयनकर्ता की भूमिका ज्यादा लुभा नहीं पा रही है। हरभजन सिंह ने कहा, ‘कद्दावर व्यक्ति, जिसने ज्यादा क्रिकेट खेली है, चयनकर्ता बनकर बहुत सारे मुद्दों को हल करेगा। लेकिन वे अवसर क्यों लेंगे? मैं वीरेंद्र सहवाग का उदाहरण दूंगा।’
हरभजन सिंह ने कहा, ‘यदि आप वीरेंद्र सहवाग को मुख्य चयनकर्ता बनने के लिए कहते हैं, तो उस पद के वेतन का विश्लेषण करने की आवश्यकता है। मुझे नहीं पता कि भारत में मुख्य चयनकर्ता कितना कमाते हैं, लेकिन अगर सहवाग कॉमेंट्री में हैं या क्रिकेट से जुड़े अन्य व्यवसायों में हैं, तो संभावना है कि वह अधिक पैसा कमा रहे हैं।’
जिसकी आवाज में दम हो, जिसके वजदू में दम हो, वैसा होना चाहिए चीफ सेलेक्टर
हरभजन ने कहा, ‘यदि आप (बीसीसीआई) मुख्य चयनकर्ता की नौकरी के लिए सहवाग जैसा कद्दावर खिलाड़ी चाहते हैं, तो पैसा खर्च करना होगा। यदि आप पैसे खर्च नहीं करते हैं, तो आपको उन खिलाड़ियों में से चयनकर्ताओं को चुनना होगा, जो शायद एक साल ही खेले हों और हो सकता है कि वे इतने बड़े नाम न हों। अगर राहुल द्रविड़ जैसे व्यक्ति को कोच बनाया जाता है, तो मुख्य चयनकर्ता का कद भी वही होना चाहिए- जिसकी आवाज में दम हो, जिसके वजूद में दम हो।’
चीफ सेलेक्टर से 7 गुनी है हेड कोच की सालाना सैलरी
सीनियर पुरुष टीम के मुख्य चयनकर्ता को सैलरी के रूप में हर साल एक करोड़ रुपए और चयन पैनल के अन्य सदस्यों को 90 लाख रुपए का भुगतान किया जाता है, जबकि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को कथित तौर पर 7 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जाता है। एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा के इस्तीफा देने के बाद से सीनियर पुरुष टीम की मौजूदा चयन समिति बिना अध्यक्ष के ही है।
यह पूछे जाने पर कि अगर उन्हें पद की पेशकश की जाती है तो क्या वह मुख्य चयनकर्ता बनने के लिए तैयार होंगे, हरभजन सिंह ने कहा कि यह राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के समान वेतन दिए जाने पर निर्भर करता है। हरभजन ने कहा, ‘देखते हैं। अगर चीजें आगे बढ़ती हैं और कोच और चयनकर्ता को समान भुगतान किया जाता है तो क्यों नहीं?’
टीम चयन भी कोच के काम जितना महत्वपूर्ण: हरभजन सिंह
हरभजन ने कहा, ‘कोच का काम टीम के साथ रहना और टीम के चारों ओर योजना बनाना है। लेकिन टीम का चयन भी उतना ही महत्वपूर्ण काम है। आपको सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को चुनना होता है। यदि आप उन खिलाड़ियों का चयन नहीं करते हैं, जिनकी कोच या कप्तान को जरूरत है, तो मुख्य चयनकर्ता की स्थिति का कोई मूल्य नहीं है।’