गौतम गंभीर टीम के लिए खेलते हैं, खुद के लिए नहीं: संजय भारद्वाज
फ़जल इमाम मल्लिक नई दिल्ली। आइपीएल चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज का मानना है कि गंभीर ऐसे जीवट वाले खिलाड़ी हैं जो कभी हार नहीं मानते और अपनी इसी प्रतिबद्धता की वजह से वे जल्द ही भारतीय टीम में वापसी करेंगे। भारद्वाज ने गुरुवार को ‘जनसत्ता’ […]

फ़जल इमाम मल्लिक
नई दिल्ली। आइपीएल चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज का मानना है कि गंभीर ऐसे जीवट वाले खिलाड़ी हैं जो कभी हार नहीं मानते और अपनी इसी प्रतिबद्धता की वजह से वे जल्द ही भारतीय टीम में वापसी करेंगे। भारद्वाज ने गुरुवार को ‘जनसत्ता’ से गंभीर सहित भारतीय टीम की मौजूदा हालत पर खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि गंभीर एक योद्धा हैं। उनमें बराबर बेहतर करने की ललक और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की ललक है, चाहे मुकाबले रणजी ट्राफी के हों या आइपीएल या फिर चैंपियंस लीग। गंभीर बराबर अपना श्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं। भारद्वाज ने कहा कि गंभीर ने कभी भी अपने बारे में नहीं सोचा। वे हमेशा टीम के लिए खेलते हैं और टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन करना उनके सोच में शामिल है। गंभीर घरेलू क्रिकेट में उसी प्रतिबद्धता के साथ खेलते हैं जितनी कि भारतीय टीम के साथ।
संजय भारद्वाज न सिर्फ गौतम गंभीर के कोच हैं, बल्कि लेग स्पिनर अमित मिश्रा और अंडर-19 विश्वकप विजेता कप्तान उन्मुक्त चंद के भी वे कोच रहे हैं। इनके अलावा कई रणजी ट्राफी खिलाड़ियों को भी उन्होंने तराश कर बेहतर क्रिकेट बनने के गुर सिखाए हैं। भारद्वाज ने गंभीर की वापसी के सवाल पर कहा कि गंभीर बड़े खिलाड़ी है और टीम इंडिया से बाहर होने के बावजूद उन्होंने अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत की और नेट पर लगातार समय बिताया। वे अपनी खामियों पर लगातार काम करते रहे हैं। अभ्यास में उन्होंने किसी तरह की कोताही नहीं की। भारद्वाज ने कहा कि घरेलू क्रिकेट में गंभीर ने कभी भी खुद को तरजीह नहीं दी। उन्होंने हमेशा टीम को सबसे ऊपर रखा। अगर वे अपने लिए खेलते तो रोशनआरा की घसियाली पिच की बजाय सपाट विकेट तैयार करवाते और रनों का अंबार लगाते। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने तेज और उछाल भरी पिचों पर खेलना पसंद किया क्योंकि ऐसे ही विकेट पर खिलाड़ी की असली परीक्षा होती है।
भारतीय क्रिकेट टीम में शीर्ष क्रम के खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर भारद्वाज ने कहा कि अगर आप 2011 विश्व कप टीम पर नजर डालें तो उस टीम में से सिर्फ तीन खिलाड़ी 2015 विश्व कप टीम का हिस्सा होंगे। ये तीन खिलाड़ी हैं कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना और विराट कोहली। ऐसे में भारतीय टीम को ऊपरी क्रम में गंभीर सरीखे सीनियर खिलाड़ी की जरूरत है। ऊपरी क्रम में गंभीर के साथ कोई युवा खिलाड़ी बेहतर साथ निभा सकता है। चैंपियंस लीग के फाइनल में में गंभीर ने जिस तरह की पारी खेली उससे मेरी बात साबित भी होती है। भारद्वाज ने कहा कि अभी भी गंभीर में काफी क्रिकेट बाकी है और वे मुल्क के लिए कई और साल खेल सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम अभी बदलाव के दौर से गुजर रही है। सलामी जोड़ी को लेकर भी भारतीय टीम जूझ रही है। विराट कोहली फार्म में नहीं है जिसकी वजह से भारतीय बल्लेबाजी चल नहीं पा रही है। विश्व कप से कुछ महीने पहले बल्लेबाजी में इस तरह का बिखराव बेहतर संकेत नहीं हैं। लेकिन यह टीम के सपोर्ट स्टाफ की जिम्मेदारी है कि वे खिलाड़ियों को बेहतर करने के लिए प्रेरित करें। खिलाड़ियों में जबतक आत्मविश्वास नहीं आएगा तब तक वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। टीम में जल्दी-जल्दी बदलाव होने का भी असर प्रदर्शन पर दिखाई दे रहा है। रोहित शर्मा चोटिल हुए तो अजिंक्या रहाणे को लाया गया। ओपनिंग में स्थिरता लाने की सख्त जरूरत है और गंभीर के विशाल अनुभव और उनकी क्रिकेट की समझ का इस्तेमाल किया जा सकता है।
विराट कोहली की नाकामी के सवाल पर भारद्वाज ने कहा कि एक कोच के तौर पर मेरा मानना है कि अपने प्रदर्शन को लेकर एक खिलाड़ी में जब असुरक्षा की भावना पनपने लगती है तो उसका असर उसके प्रदर्शन पर दिखाई देता है। विराट एक बडे मैच विजेता खिलाडी है लेकिन उनके अंदर कहीं यह भावना लगती है कि कहीं मै असफल हो जाऊं तो फिर क्या होगा। भारद्वाज ने कहा कि शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाजों को कम से कम 150 से 200 रन तक का स्कोर टीम को देना होगा, तभी जाकर टीम मुकाबले में दिखेगी। पहले कोई ओपनर नहीं चल पाता था तो विराट टीम को संभाल लेते थे। लेकिन विराट के सस्ते में आउट हो जाने का असर पूरी भारतीय बल्लेबाजी पर पड़ रहा है। इस स्थिति को बदलने की जरूरत है और मुझे यकीन है कि भारतीय टीम वेस्ट इंडीज के खिलाफ दिल्ली में होने वाले अगले मैच मे शानदार वापसी करेगी। भारद्वाज ने कहा कि अभी वे एक गेंदबाज अजहरुद्दीन पर काम कर रहे हैं। अभी उनकी रफ्तार करीब 135 किलोमीटर है। बाएं हाथ का यह गेंदबाज अभी हिमाचल रणजी कैंप के साथ है। उन्होंने कहा कि वे उसकी रफ्तार करीब पांच किलोमीटर और बढ़ाना चाहते हैं।
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