दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने टेस्ट क्रिकेट को कहा अलविदा, 54 दिन पहले बनाया था हाइएस्ट स्कोर
डु प्लेसिस ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज से करियर को खत्म करना चाहते थे। वे ऐसा नहीं कर पाएं क्योंकि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण ऑस्ट्रेलिया का दक्षिण अफ्रीका दौरा अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बुधवार (17 फरवरी) को इंस्टाग्राम पर इसकी जानकारी दी। डु प्लेसिस ने 69 टेस्ट मैचों में अफ्रीकी टीम का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कहा कि वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज से करियर को खत्म करना चाहते थे। वे ऐसा नहीं कर पाए, क्योंकि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण ऑस्ट्रेलिया का दक्षिण अफ्रीका दौरा अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।
36 साल के डुप्लेसिस ने 54 दिन पहले 26 दिसंबर को श्रीलंका के खिलाफ सेंचुरियन में 199 रनों की पारी खेली थी। यह उनका टेस्ट क्रिकेट में उच्चतम स्कोर है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 नवंबर 2012 को अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। वे पहले मैच में मैन ऑफ द मैच थे। उन्होंने 78 और 110 रनों की पारी खेली थी। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 10 शतक और 21 अर्धशतक है। उन्होंने 40.02 की औसत से 4163 रन बनाए।
इंस्टाग्राम पर अपने पेज में बयान में डुप्लेसिस ने लिखा, ‘‘यह हम सभी के लिए मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ने वाला साल रहा। कभी अनिश्चितता भी रही लेकिन इससे कई पहलुओं को लेकर मेरी स्पष्ट राय बनी। मेरा दिल साफ है और यह नए अध्याय की शुरुआत करने के लिए सही समय है। खेल के सभी प्रारूपों में देश का प्रतिनिधित्व करना सम्मान है, लेकिन अब मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का समय आ गया है। अगले दो साल आईसीसी टी20 विश्व कप होगा। इस वजह से मैं अपना ध्यान इस प्रारूप पर केंद्रित कर रहा हूं।’’
एबी डिविलियर्स के बाद डु प्लेसिस को 2016 में टेस्ट कप्तान बनाया गया था। उन्होंने 36 मैचों में दक्षिण अफ्रीकी टीम की कप्तानी की। जनवरी 2020 में उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। दक्षिण अफ्रीका की टीम इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 3-1 से सीरीज हार गई थी। उन्होंने अपनी कप्तानी में 18 मैच जीते और 15 हारे। उनकी कप्तानी में शुरुआती 27 में से 17 टेस्ट मैचों में दक्षिण अफ्रीका को जीत मिली थी। 2019 से उन्हें 8 मैचों में हार का सामना करना पड़ा।