भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत का 28 साल पहले हुई एशेज से भी है खास रिश्ता, जानिए तब इंग्लैंड में क्या किया था कंगारुओं ने
कोविड-19 महामारी के चलते इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने एक निश्चित समय काल तकत अंतरराष्ट्रीय मैचों में घरेलू अंपायर रखने की मंजूरी दी है। इस कारण भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई अंपायर्स ने ही ऑफिशियेटिंग की।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इतिहास रच दिया। उसने पहली बार ब्रिसबेन के गाबा स्टेडियम में जीत हासिल की। गाबा के मैदान पर पहली बार किसी टीम ने चौथी पारी में 300 से ज्यादा का लक्ष्य हासिल किया। खास यह था कि टीम इंडिया ने यह सब तब कर दिखाया, जब एक ओर पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क जैसी ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज पेस बैटरी थी, वहीं दूसरी ओर भारतीय टीम के आधा दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी घायल हो चुके थे।
गाबा टेस्ट जीतने के साथ ही भारत ने सीरीज भी 2-1 से अपने नाम कर ली। भारत की इस ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत का 1993 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई एशेज सीरीज से भी खास रिश्ता है। जी हां, कोविड-19 महामारी के चलते इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने एक निश्चित समय काल तकत अंतरराष्ट्रीय मैचों में घरेलू अंपायर रखने की मंजूरी दी है। इस कारण भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई अंपायर्स ने ही ऑफिशियेटिंग की। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 28 साल बाद ऐसा हुआ है, जब किसी विदेशी टीम ने मैदान पर दोनों स्थानीय अंपायर्स के रहते हुए टेस्ट सीरीज अपने नाम की है।
इससे पहले इंग्लैंड में 1993 में ऑस्ट्रेलिया ने एशेज सीरीज के दौरान यह उपलब्धि हासिल की थी। ऑस्ट्रेलिया ने तब 4-1 से एशेज सीरीज अपने नाम की थी। उस सीरीज में मैदान पर इंग्लैंड के दो स्थानीय अंपायर्स ही ऑफिशियेटिंग कर रहे थे। उसके बाद से अब तक कोई भी टीम ऐसा नहीं कर पाई थी। बता दें कि साल 2002 सेअंतरराष्ट्रीय मैचों में दो तटस्थ अंपायर्स रखने का नियम लागू हुआ था। इससे पहले 1994 से 2001 तक एक स्थानीय और एक तटस्थ अंपायर रहता था।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दौरान भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह को नस्ली टिप्पणियों का भी सामना करना पड़ा था। इस कारण सिडनी टेस्ट में चौथे दिन का खेल करीब 15 मिनट तक रुका रहा था। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर नौ जनवरी 2021 को भी नशे में धुत्त एक दर्शक ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पर नस्ली टिप्पणी की थी।
भारत ने गाबा में अब तक 7 टेस्ट मैच खेले हैं। इनमें से यह उसकी पहली जीत है। उसने इस मैदान पर अब तक 5 टेस्ट गंवाएं हैं। उसने अपना पहला टेस्ट 28 नवंबर 1947 को खेला था, उस मैच में भारत को एक पारी और 226 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।