कोरोना से जंग: फिरोजशाह कोटला स्टेडियम बना क्वारंटीन सेंटर; घर वापसी से पहले ठहराए गए प्रवासी मजदूर, टेस्टिंग भी हुई
डीडीसीए के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा के मुताबिक, आने वाले दिनों में यहां और अधिक मजदूरों को ठहराया जा सकता है। प्रवासी मजदूरों को नेट्स के आसपास ठहराया गया था। ड्रेसिंग रूम और मैदान को इसकी सीमा से बाहर रखा।

दिल्ली स्थित अरुण जेटली स्टेडियम (पूर्व नाम फिरोजशाह कोटला) का कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अस्थायी क्वारंटीन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल हो रहा है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, पिछले 3 दिनों से स्टेडियम परिसर का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के ठहराने में हो रहा है। यही नहीं, यहां प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए उन्हें बसों और रेलवे स्टेशनों तक पहुंचाने से पहले उनकी टेस्टिंग भी की जा रही है।
रिपोर्ट में कर्नल विजय भूषण के हवाले से कहा गया है, ‘मैंने पहली बार ऐसा सुना है। यहां तक कि बंटवारे के दौरान भी इस स्टेडियम का इस्तेमाल किसी प्रवासी के ठहरने के लिए नहीं किया गया था।’ कर्नल विजय भूषण 1959 से 1973 तक दिल्ली के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल चुके हैं। उन्होंने बताया, ‘इस मैदान को दो से ढाई हजार मजदूरों के ठहरने के लिए तैयार किया गया था। मंगलवार को मजदूरों का जब अंतिम बैच स्टेडियम से चला गया तो पूरे मैदान को सैनिटाइज किया गया।’
डीडीसीए (Delhi & District Cricket Association) के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा ने कहा, ‘हमें बताया गया है कि आने वाले दिनों में यहां और अधिक मजदूरों को ठहराया जा सकता है। हमें दिल्ली सरकार और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एक दिन पहले 15 मिनट का नोटिस दिया गया था। वे बेड और सबकुछ ले आए। उन्हें दिन में दो बार लाया जा रहा था। पहले दिन, यहां 10 बसें आईं, सुबह 500 लोगों को लेकर आईं। फिर से शाम को 10 और बसें आईं। पहली वाली बसें लौट रही थीं। हमने अपने पूरे स्टाफ को ड्यूटी पर लगाया था, जैसे इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर आदि।’
मनचंदा ने बताया, ‘दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) ने पहले ही फिरोजशाह कोटला के क्वारंटीन सेंटर के तौर पर तैयार रहने की बात कही थी। डीडीसीए मुख्यमंत्री राहत कोष में 5 लाख और प्रधानमंत्री राहत कोष में 11 लाख रुपये का दान दे चुका है।’ उन्होंने कहा, ‘एसडीएम ने इसके बारे में 10 अप्रैल को संज्ञान लिया था। इसे इमरजेंसी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्थानों की सूची में रखा गया था। हालांकि, एसोसिएशन ने ड्रेसिंग रूम और मैदान को इसकी सीमा से बाहर रखा। प्रवासियों को नेट्स के आसपास ठहराया गया था।’
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