11 साल में उठा मां का साया, पिता ने क्रिकेटर बनाने को दूध बेचा; अब बेटे ने धोनी के धुरंधरों का धुना
पिता नरेश गर्ग प्रियम को रोजाना 10 रुपए देते थे, ताकि बेटा बस से एकेडमी पहुंच जाए और कुछ अतिरिक्त आमदनी कर सकें। कभी-कभी ये 10 रुपए कम पड़ जाते थे, तब प्रियम बस में सीट की जगह उसकी छत पर बैठकर सफर करते थे।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2020 के 14वें मैच सनराइजर्स हैदराबाद ने लगातार अपनी दूसरी जीत हासिल की। उसने रोमांचक मैच में चेन्नई सुपरकिंग्स को 7 रन से हराया। हैदराबाद की इस जीत में उसके युवा बल्लेबाज प्रियम गर्ग ने अहम भूमिका निभाई। चेन्नई के खिलाफ मैच में एक समय हैदराबाद के 11 ओवर में 69 रन पर 4 विकेट गिर चुके थे। तब ऐसा लगा था कि हैदराबाद बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाएगा।
ऐसे समय प्रियम गर्ग ने अभिषेक शर्मा के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए 42 गेंद में 77 रन की साझेदारी की। वह 51 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने 23 गेंद में अपनी पहली आईपीएल फिफ्टी पूरी की। उन्होंने 6 चौके और एक छक्का लगाया। मुकाबले के बाद उन्हें गेमचेंजर ऑफ द मैच, सुपरस्ट्राइकर ऑफ द मैच और मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया। हालांकि, उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले प्रियम गर्ग की सफलता का सफर आसान नहीं रहा है।
जब वह सिर्फ 11 साल के थे, तब सिर से मां का साया उठ गया। प्रियम मेरठ में जिस एकेडमी से कोचिंग ले रहे थे, वह उनके घर से करीब 20 किमी दूर थी। घर की माली हालत भी बहुत अच्छी नहीं थी। लेकिन प्रियम के पिता नरेश गर्ग ने उन्हें मां का भी प्यार दिया। शुरू-शुरू में वह बेटे को खुद एकेडमी तक ले जाते और ले आते थे। इस दौरान कई बार उन्होंने साइकिल पर बैठाकर प्रियम को एकडेमी तक पहुंचाया।
बेटे की डाइट और कोचिंग में रुकावट नहीं आए, तब नरेश गर्ग दूध बेचने लगे। दूसरों की गाड़ियां भी चलाईं। नरेश प्रियम को रोजाना 10 रुपए देते थे, ताकि बेटा बस से एकेडमी पहुंच जाए और कुछ अतिरिक्त आमदनी कर सकें। कभी-कभी ये 10 रुपए कम पड़ जाते थे, तब प्रियम बस में सीट की जगह उसकी छत पर बैठकर सफर करते थे। हालांकि, प्रियम के लगातार शानदार प्रदर्शन ने उनकी मेहनत सफल कर दी है। वह कहते हैं कि बचपन में जो लोग प्रियम को क्रिकेट खिलाने के उनके फैसले के खिलाफ थे, वही अब गर्व करते हैं।
MAIDEN FIFTY FOR PRIYAM GARG IN THE IPL!!!
An ovation from the entire dugout for the youngster!#CSKvSRH #OrangeArmy #KeepRising @priyamg03149099 pic.twitter.com/H4s5eEI22D
— SunRisers Hyderabad (@SunRisers) October 2, 2020
बता दें कि प्रियम गर्ग करीब एक साल पहले तक अनजान चेहरा था। दिसंबर 2018 में उन्होंने त्रिपुरा के खिलाफ मैच में अपना पहला फर्स्ट क्लास शतक लगाया। फरवरी 2019 में उनका चयन सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए उत्तर प्रदेश की टीम में हुआ। वहां उनका प्रदर्शन बढ़िया रहा। अगस्त 2019 में उनका चयन दलीप ट्रॉफी के लिए हुआ। इसके बाद तो प्रियम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अक्टूबर 2019 में वह इंडिया सी की टीम में चुने गए। जब 2019/2020 सीजन के लिए विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने 6 मैच में 287 रन ठोक डाले, तब हर कोई उन्हें भविष्य का क्रिकेटर बताने लगा। दिसंबर 2019 में उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भारत की कमान मिली। उन्होंने अपनी अगुआई में टीम को फाइनल तक पहुंचाया। आईपीएल 2020 के लिए हुई नीलामी ने सनराइजर्स हैदराबाद ने उन पर दांव खेला।
सनराइजर्स हैदराबाद ने प्रियम गर्ग को खरीदने के लिए एक करोड़ 90 लाख रुपए खर्च किए। प्रियम फ्रैंचाइजी के इस विश्वास पर खरे भी उतरे। उन्होंने 2 अक्टूबर को चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ ऐसे मुश्किल समय में ताबड़तोड़ पारी खेलकर अर्धशतक लगाया, जब टीम तीन अंकों में पहुंचने के लिए संघर्ष कर रही थी। उन्होंने धोनी के धुरंधरों की अच्छी खासी पिटाई की।