Fixing scandals that rocked the Tamil Nadu Premier League and Karnataka Premier League: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रविवार को सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट को लेकर एक बड़ा खुलासा किया। गांगुली ने कहा कि एक सट्टेबाज ने मौजूदा सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट के दौरान एक खिलाड़ी से संपर्क किया था। जिसकी रिपोर्ट बोर्ड की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (ACU) ने की है। गांगुली ने बीसीसीआई की एजीएम के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘यहां तक कि सैयद मुश्ताक में एक खिलाड़ी से सपंर्क किया गया था। मुझे इसके बारे में बताया गया लेकिन मैं उसका नाम नहीं जानता। लेकिन पेशकश की गई थी और खिलाड़ी ने इसकी रिपोर्ट की।’
पूर्व कप्तान ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि खिलाड़ी सट्टेबाज से की गई पेशकश के बाद क्या करते हैं। उन्होंने कहा, ‘पेशकश किया जाना समस्या नहीं है, यह गलत नहीं है। गलत यह है कि जब पेशकश होती है तो उसके बाद क्या होता है।’ गांगुली से जब तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TPL) और कर्नाटक प्रीमियर लीग (KPL) में फिक्सिंग प्रकरण के बारे में पूछा गया तब उन्होंने यह खुलासा किया। कुछ खिलाड़ी जैसे भारतीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अभिमन्यु मिथुन भी सैयद मुश्ताक अली टूर्नमेंट में खेल रहे हैं। केपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में उनकी जांच चल रही है।
गांगुली ने कहा, ‘बोर्ड के लिए टूर्नमेंट को रोकना बहुत मुश्किल है क्योंकि किसी ने पेशकश की है।’ लेकिन साथ ही स्वीकार किया कि ‘कुछ राज्यों में यह अगले स्तर तक पहुंच चुकी है। हमने टीएनपीएल और केपीएल में इसका सामना किया। हमने संबंधित राज्यों से भी बात की। केपीएल अभी रुकी हुई है, जब तक कि उसे मंजूरी नहीं मिल जाती।’
इसके अलावा गांगुली ने एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति पर भी निशाना साधा। बता दें कि अब एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में गांगुली ने कहा कि चयन कार्यकाल से आगे काम नहीं किया जा सकता। एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति का चार साल पूरा हो चुका है और अब भारतीय टीम के चयन का अधिकार इन अधिकारियों के पास नहीं होगी।(भाषा इनपुट के साथ)