आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई से इस्तीफा देने वाले अध्यक्ष शशांक मनोहर को ‘ताकत का भूखा पीठ में छुरा घोंपने वाला’ करार दिया जो खेल को साफ करने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहा। मनोहर के इस्तीफा देने से नाराज वर्मा ने तो इतना तक कह दिया कि पूर्व अध्यक्ष और तमिलनाडु के एन श्रीनिवासन कम से कम अपने विरोधी के साथ ईमानदार तरीके से तो लड़ते थे।
वर्मा ने मंगलवार (10 मई) को कहा, ‘‘शशांक मनोहर का आईसीसी में जाने का फैसला दर्शाता है कि वह ताकत का भूखा अधिकारी है। जब वह अधिकारी नहीं होता तो खेल को साफ करने की बात करता है और अब वह अपना काम पूरा किए बगैर बीसीसीआई को छोड़कर जा रहा है। साथ ही वह व्यक्ति पीठ में छुरा घोंपने में विश्वास रखता है। उसने और उसके गुट ने एन श्रीनिवासन के खिलाफ लड़ाई में मेरा इस्तेमाल किया और इसके बाद अपने वादे पूरे किए बिना पीठ में छुरा घोंपा।’’
श्रीनिवासन के संदर्भ में वर्मा ने कहा, ‘‘श्रीनिवासन दुश्मनी भी शान से करता था और अपने दोस्तों को कभी धोखा नहीं दिया। मनोहर के लिए वादे कोई मायने नहीं रखते। यह मुझे तब समझ आया जब रत्नाकर शेट्टी की मदद से मुझे बीसीसीआई कार्यालय से बाहर फेंक दिया गया, यह मनोहर का कदम था। मैंने शेट्टी के खिलाफ कई शिकायत की लेकिन कोई असर नहीं हुआ।’’