दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा आज यानी 2 अप्रैल 2020 को 51 साल के हो गए। लारा ने पाकिस्तान के खिलाफ 1990 में टेस्ट और वनडे में डेब्यू किया था। उन्होंने 2007 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था। लारा को ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रेडमैन, भारत के सचिन तेंदुलकर के साथ दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है। लारा अपने परिवार के 11 बच्चों में 10वें स्थान पर थे। पिता बंटी लारा ने क्रिकेट में उन्हें आगे बढ़ाया। ब्रायन खुद इस बात को कई बार कह चुके हैं कि उनके टैलेंट को निखारने में पिता का हाथ है।
लारा ने 2012 में आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने के दौरान अपने पिता को याद किया था। उन्होंने कहा था, ‘‘आप जिस व्यक्ति को हॉल ऑफ फेम में शामिल करना चाहते हैं उसे पिता (बंटी) ने बनाया है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मेरे पास एक क्रिकेटर और जीवन में सफल होने के लिए जरूरी सब कुछ है।’’ लारा 1990 में पाकिस्तान के खिलाफ के डेब्यू करने वाले थे, लेकिन उससे कुछ दिन पहले ही पिता बंटी का निधन हो गया था। ब्रायन को इस बात का सबसे ज्यादा दुख है कि उनके पिता डेब्यू मैच में नहीं थे।
लारा का ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ हमेशा प्रदर्शन शानदार रहा है। ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने 2003 के एक मुकाबले को याद करते हुए कहा था लारा ने हमें चैलेंज देकर चौके-छक्के मारे थे। उस मैच में एक फील्डर को मिडविकेट से हटाकर पॉइंट पर लगाया गया। इसके बाद लारा ने धीरे से कहा था कि यह गलती ( mistake) है। इस गिलक्रिस्ट ने सुन लिया। लारा ने मिडविकेट पर छक्का लगा दिया। इस पर गिलक्रिस्ट ने उनसे कहा कि ऑफ-साइड में बाउंड्री लगाकर दिखाओ तो लारा ने लगातार दो चौके जड़ दिए।
लारा के नाम तो टेस्ट क्रिकेट के कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। वे डेब्यू मैच के 4 साल बाद ही टेस्ट में हाइएस्ट स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज बन गए थे। उन्होंने 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ 375 रन की पारी खेली थी। इससे पहले लारा ने पहला शतक 1993 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाया था। मजेदार बात यह है कि उनका पहला शतक ही दोहरा शतक था। उन्होंने सिडनी के ऐतिहासिक मैदान पर 277 रनों की पारी खेली थी। लारा ने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 400 रन बनाए थे। उनके नाम प्रथम श्रेणी में भी सबसे बड़ा स्कोर का रिकॉर्ड है। उन्होंने इंग्लैंड के क्लब वर्विकशायर की ओर से खेलते हुए डरहम के खिलाफ 501 रन बनाए थे।