बिशन सिंह बेदी के आगे ‘झुके’ DDCA अध्यक्ष रोहन जेटली, पूर्व कप्तान को बताया दिल्ली क्रिकेट का ‘भीष्म पितामह’
रोहन जेटली ने कहा, ‘मैं अपने पिता के जितना उनका सम्मान करता हूं। वह मुझे डांटना चाहे तो मेरे कान खींच सकते हैं, लेकिन अपमानजनक बातें नहीं करना चाहिए। इन बातों की जरूरत भी नहीं है।’

बिशन सिंह बेदी की ‘जिद’ के आगे दिल्ली जिला एंड क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) के अध्यक्ष रोहन जेटली को ‘झुकना’ पड़ा। बेदी के दो पत्रों का जवाब नहीं देने वाले रोहन जेटली ने पिता अरुण जेटली की डीडीसीए परिसर में आदम कद प्रतिमा के अनावरण के मौके पर बिशन सिंह बेदी को ना सिर्फ दिल्ली क्रिकेट का ‘भीष्म पितामह’ बताया, बल्कि यह भी कहा कि यदि वह डांटना चाहें तो उनके कान भी खींच सकते हैं।
रोहन जेटली ने सोमवार को कहा कि बिशन सिंह बेदी से फिरोज शाह कोटला मैदान के स्टैंड से नाम हटाने की उनकी मांग वापस लेने का अनुरोध किया जाएगा। किसी प्रेरणादायी खिलाड़ी की बजाय प्रशासक की प्रतिमा लगाने से खफा बेदी ने डीडीसीए को विवादों और भ्रष्टाचार में लिप्त बताया था। साथ ही कोटला स्टैंड से अपना नाम हटाने की मांग की थी। हाल ही में डीडीसीए अध्यक्ष बने रोहन ने कहा कि अच्छा होता कि बेदी उनके दिवंगत पिता के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बजाय निजी तौर पर इस मसले पर उनसे बात करते।
डीडीसीए ने सोमवार को प्रतिमा का अनावरण किया। रोहन ने समारोह के बाद कहा, ‘बेदी जी दिल्ली क्रिकेट के भीष्म पितामह हैं। उन्हें कोई ऐतराज था तो बातचीत के बेहतर तरीके हैं। मैं युवा हूं और मैं क्रिकेट जगत के वरिष्ठों से मार्गदर्शन की उम्मीद करता हूं। स्टैंड पर उनका नाम उनकी विरासत है, उन्हें दिया गया सम्मान है।’
उन्होंने कहा, ‘इन मसलों पर फैसला शीर्ष परिषद लेती है। यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। मैं किसी का नाम नहीं हटा सकता। हमने डीडीसीए में इस पर बात की। हम उनसे यह मांग वापस लेने का अनुरोध करेंगे। डीडीसीए और बेदी जी का लंबा साथ रहा है।’
HM Shri @AmitShah unveils the statue of Shri Arun Jaitley on his birth anniversary at Arun Jaitley Stadium in New Delhi. pic.twitter.com/KkHA7m2Iqd
— BJP (@BJP4India) December 28, 2020
यह पूछने पर कि बेदी का नाम कोटला स्टैंड पर रहने से क्या डीडीसीए को फर्क पड़ता है, उन्होंने हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘फर्क पड़ता है। मैं चाहता हूं कि उनका नाम वहां रहे। मैं अपने पिता के जितना उनका सम्मान करता हूं। वह मुझे डांटना चाहे तो मेरे कान खींच सकते हैं, लेकिन अपमानजनक बातें नहीं करना चाहिए। इन बातों की जरूरत भी नहीं है।’
रोहन ने कहा, ‘ऐसे व्यक्ति के बारे में बुरा भला कहना जो अब हमारे बीच नहीं है, सही नहीं है। अगर उन्हें ऐतराज है तो मैं उनके मुंह से सुनना चाहता था, मीडिया से नहीं।’ उन्होंने कहा कि उनके डीडीसीए अध्यक्ष बनने से पहले ही स्टेडियम का नाम अरुण जेटली स्टेडियम रखने का फैसला किया गया था।
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