‘अब्बू चाहते थे कि बेटा देश के लिए खेले और दुनिया उसे देखे, काश वह आज का दिन देखने के लिए जीवित होते,’ प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक हुए सिराज
मोहम्मद सिराज के लिए पिछले दो महीने मुश्किल भरे भी रहे। उनके पिताजी का निधन हो गया और वह उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं जा पाए, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत आखिर में रंग लाई।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में भारत को 328 रन का लक्ष्य मिला है। चौथे दिन का खेल खत्म होने के समय तक टीम इंडिया ने दूसरी पारी में बिना विकेट खोए 1.5 ओवर में 4 रन बना लिए थे। इस तरह उसे मैच जीतने के लिए आखिरी दिन 324 रन और बनाने हैं। भारत के लिए यह लक्ष्य असंभव नहीं है तो आसान भी नहीं है। शायद यही वजह है कि भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने रोहित शर्मा और शुभमन गिल समेत पूरी टीम इंडिया को सतर्क किया है। गाबा टेस्ट की दूसरी पारी में 5 विकेट लेने वाले सिराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पिता को याद किया। वह वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भावुक हो गए। उनके लिए अपनी भावनाएं व्यक्त करना आसान नहीं रहा।
सिराज ने टेस्ट करियर में पहली बार पारी में पांच विकेट लिए हैं। उन्होंने 73 रन देकर 5 विकेट लिए। सिराज ने चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद भारतीय बल्लेबाजों को गाबा के विकेट को लेकर सतर्क किया। गाबा के विकेट में हल्की दरारें पड़ चुकी हैं। सिराज को लगता है कि पिच में कुछ ऐसी खुरदुरी जगह बन गयी हैं जहां से असमान उछाल मिल सकती है। सिराज ने कहा, ‘जब वे गेंदबाजी करेंगे तो निश्चित तौर पर पिच में कुछ दरार होने के कारण बल्लेबाजों की दिमाग में थोड़ा भ्रम की स्थिति बनी रहेगी लेकिन हमारे बल्लेबाज इसके लिये तैयार हैं। हम इसके बारे में कल ही जान पाएंगे।’ इस तेज गेंदबाज से पूछा गया कि क्या लक्ष्य का पीछा करने में उनकी बल्लेबाजी करने की नौबत आएगी, उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे मौका मिलेगा तो मैं बल्लेबाजी करूंगा।’
उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य यह श्रृंखला जीतना है विशेषकर इतने अधिक खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद हमारी टीम ने पहली पारी में कड़ी चुनौती पेश की।’ सिराज ने शार्ट पिच गेंद पर स्टीव स्मिथ का विकेट लिया जो मार्नस लाबुशेन के साथ इस श्रृंखला में उनका पसंदीदा विकेट है। उन्होंने कहा, ‘पूरी श्रृंखला में मुझे लगता है कि यह स्टीव स्मिथ का विकेट होगा। कुछ क्षेत्रों से अतिरिक्त उछाल मिल रही थी और मुझे लगा कि इससे मुझे सफलता मिल सकती है। वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं और उनका विकेट लेने से मेरा काफी आत्मविश्वास बढ़ा है। इसके अलावा मार्नस (लाबुशेन) के विकेट से भी मेरा मनोबल बढ़ा।’
सिराज ने लगातार सहयोग, समर्थन और मनोबल बढ़ाने के लिये कप्तान अजिंक्य रहाणे का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा जिस तरह से युवाओं को मौके मिले फिर चाहे वह नटराजन हो या वाशिंगटन। इन सभी ने इनका फायदा उठाया। सभी ने अपनी तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया। मैं विशेष तौर पर युवाओं पर भरोसा दिखाने और मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए अजिंक्य रहाणे का आभार व्यक्त करता हूं। वह मुझसे हर समय बात करते रहे और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा।’
सिराज के लिए पिछले दो महीने मुश्किल भरे भी रहे। उनके पिताजी का निधन हो गया और वह उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं जा पाए, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत आखिर में रंग लाई। उन्होंने कहा, ‘मेरे अब्बू चाहते थे कि मेरा बेटा देश की तरफ से खेले और पूरा विश्व उसे खेलते हुए देखे। काश वह आज का दिन देखने के लिए जीवित होते। यह उनकी दुआओं का ही परिणाम है कि मैंने पांच विकेट लिये। मैं निशब्द हूं और अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता हूं।’
Before the Border-Gavaskar Test series, Siraj lost his father. He then made a promise to himself. Today, he fulfilled it.
Siraj, we are all very proud of you. #TeamIndia #AUSvIND pic.twitter.com/VUMhgJsJO4
— BCCI (@BCCI) January 18, 2021
उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल स्थिति थी। अब्बू के निधन के बाद मां से बात करने पर मुझे ताकत मिली और मैंने अपना ध्यान अब्बू का सपना पूरा करने पर लगा दिया।’ सिराज को इस मैच से पहले केवल दो टेस्ट मैचों का अनुभव था लेकिन उन्होंने सीनियर गेंदबाजों की अनुपस्थिति में आक्रमण की अगुवाई की। उन्होंने कहा, ‘मैं खुद को सीनियर गेंदबाज नहीं मानता लेकिन मैंने घरेलू स्तर और भारत ए की तरफ से काफी क्रिकेट खेली है और इससे मुझे मदद मिली। मुझे जस्सी भाई (जसप्रीत बुमराह) की कमी खली और इसलिए मैंने अधिक जिम्मेदारी ली तथा दबाव बनाया।’