बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ियों के सालाना कॉन्ट्रैक्ट को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लेने की घोषणा की है। बीते कैलेंडर वर्ष में अच्छा प्रदर्शन न करने के कारण छह शीर्ष प्लेयर्स का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया है। सलामी बल्लेबाज सौम्य सरकार और इमरुल काएस जैसे धुरंधर खिलाड़ियों का नाम भी इस सूची में शामिल है। बोर्ड का कहना है कि नेशनल कॉन्ट्रैक्ट से हटाए गए प्लेयर्स का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नजमुल हसन ने बताया कि जिन खिलाड़ियों का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू किया गया है, उनके वेतन में इस बार वृद्धि नहीं की जाएगी। चयनकर्ता हबिबुल बशर ने खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दी है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने इस बार सिर्फ 10 प्लेयर्स को नेशनल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में रखा है।
सौम्य सरकार और इमरुल काएस के अलावा कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से हटाए गए खिलाड़ियों में मोसद्दिक हुसैन, तस्कीन अहमद, शब्बीर रहमान और कमरुल इस्लाम रब्बी का नाम शामिल है। शब्बीर को अनुशासनात्मक आधार पर पहले ही नेशनल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया था। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने बुधवार (18 अप्रैल) देर रात को कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने का फैसला किया था। हबिबुल बशर ने कहा, ‘बोर्ड वैसे खिलाड़ियों को नेशनल कॉन्ट्रैक्ट में शामिल करने को प्राथमिकता देता है जो अगले एक साल तक नियमित तौर पर अच्छा प्रदर्शन कर सके। कुछ खिलाड़ी तो टीम में नियमित स्थान भी गंवा चुके हैँ। उन्हें संदेश देने की जरूरत थी। टीम में स्थान न मिलने का यह मतलब नहीं है कि उनके टीम में आने का दरवाजा ही बंद हो गया है। भविष्य में सभी को निष्पक्ष तरीके से मौका दिया जाएगा।’
शाकिब, मुशफिकुर और मोर्तजा को शीर्ष स्लॉट: बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने 10 खिलाड़ियों को नेशनल कॉन्ट्रैक्ट में रखने का फैसला किया है। इनमें शाकिब अल हसन, मुशफिकुर रहीम, मशरफे मोर्तजा, तमीम इकबाल, महमुदुल्ला, मोमिनुल हक, रुबेल हुसैन, मुस्तफिजुर रहमान, तैजुल इस्लाम और मेहदी हसन का नाम शामिल है। शाकिब, मुशफिकुर और मशरफे मोर्तजा को शीर्ष स्लॉट में रखा गया है। इन्हें वेतन के तौर पर प्रतिमाह 3.28 लाख रुपये दिया जाएगा। बोर्ड ने बताया कि प्रथम श्रेणी के 80 प्लेयर्स के कॉन्ट्रैक्ट की भी समीक्षा की जाएगी। बता दें कि बांग्लादेश को वर्ष 2017 में न्यूजीलैंड, भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए टेस्ट सीरीज में हार का मुंह देखना पड़ा था। श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुकाबला बराबरी पर छूटा था। सीमित ओवरों की श्रृंखला में भी बांग्लादेश का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा है।