टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने वाले भारत के गोल्डेन ब्वॉय नीरज चोपड़ा और उनके प्रतिद्वंदी जैवलिन थ्रोअर पाकिस्तान के अरशद नदीम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। दरअसल नीरज और नदीम के बीच जैवलिन की एक घटना सामने आई थी। जिसे कई लोगों ने अलग ही राजनीतिक रुख दे दिया था। इसको लेकर नीरज चोपड़ा ने गुरुवार को एक वीडियो जारी करके किसी भी तरह का प्रपोगेंडा नहीं चलाने की अपील की थी।
नीरज चोपड़ा के इसी बयान को लेकर टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल विजेता बजरंग पूनिया उनके समर्थन में आगे आए हैं। पूनिया के अलावा टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल, रियो ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साक्षी मलिक और डिस्कस थ्रोअर ने भी नीरज चोपड़ा का समर्थन किया है।
हमारे सहयोगी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बजरंग पूनिया ने कहा कि, ‘एथलीट चाहे पाकिस्तान का हो या किसी अन्य देश का वे अपने राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है। वह (नदीम) पहले एक खिलाड़ी हैं औक इसलिए हम उस व्यक्ति के खिलाफ कुछ कहें, क्योंकि वह पाकिस्तान से है, ये बात ठीक नहीं है। एथलीटों के लिए सम्मान होना चाहिए।’
इसके अलावा टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल ने भी इस घटना को काफी विचलित करने वाली घटना बताते हुए कहा कि, ‘जब हमने 2004 में इस्लामाबाद के सैफ खेलों (SAFF) में भाग लिया, तो हम हमेशा उनसे (नदीम) बात करते थे। अगर जमीनी हकीकत देखें तो हम सभी एक जैसे लोग हैं। हम खरीददारी करने गए और वह हमारे साथ आए, हमें गाइड कर रहे थे कि किस दुकान पर जाना है, क्या अच्छी चीजें खरीदना है और क्या नहीं। जिसके बाद हमें एहसास हुआ कि पड़ोसी देश के लोगों को लेकर कितनी नफरत दिलों में भरी जाती है, जो कि अनावश्यक है।’
इस मामले को लेकर रियो ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने भी बयान दिया और कहा कि,’एथलीट्स को कभी भी ऐसे विवादों में नहीं घसीटना चाहिए। लोगों ने एक छोटे से मुद्दे को बड़ा बना दिया है। नीरज पर भी इसका बुरा असर पड़ा है। मैं फैंस से भारतीय एथलीटों का समर्थन करने और साथ ही यह समझने का आग्रह करती हूं कि हमारी ऑन-फील्ड प्रतिद्वंद्विता कभी भी ऑफ-फील्ड दुश्मनी के बराबर नहीं होती है। वे हमारे दोस्त और एक ही खेल के साथी हैं और कोई भी एथलीट दूसरे देश के खिलाफ नफरत के लिए इस्तेमाल किए जाने में सहज नहीं होगा।’
इसके अलावा भारत की डिस्कर थ्रोअर कमलप्रीत कौर ने भी इस मामले पर बयान देते हुए अरशद नदीम को एक अच्छा इंसान बताया है। उन्होंने कहा कि,’खेल के मैदान पर खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ कम्पीट करते हैं, लेकिन मैदान से बाहर आने के बाद हम सभी अच्छे दोस्त हैं। खेल की कभी भी कोई सीमा नहीं होती, भारत हो या पाकिस्तान हो, खेल को सही भावना से देखा जाना चाहिए।’