कड़वी यादें: 46 साल पहले 24 जून को 42 रन पर सिमट गई थी टीम इंडिया, 10 बल्लेबाज नहीं छू पाए थे दहाई का आंकड़ा
भारतीय टीम अजीत वाडेकर की अगुआई में इंग्लैंड दौरे पर गई थी। टीम इंडिया टेस्ट सीरीज का पहला मैच 113 रन से हार चुकी थी। दूसरा मैच 20 से 24 जून के बीच लार्ड्स में खेला गया था।

भारतीय क्रिकेट टीम इस समय आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में तीसरे नंबर पर है। उससे ऊपर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें हैं। इंग्लैंड की टीम चौथे पायदान पर है। आज इंग्लैंड की टीम भले ही टीम इंडिया से रैंकिंग में नीचे हो, लेकिन कभी इसी टीम के कारण भारत के नाम पर एक शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हो गया था। यह घटना आज से 46 साल पहले की है। 24 जून 1974 को भारत की पूरी टीम लार्ड्स के मैदान पर महज 42 रन पर सिमट गई थी।
भारतीय टीम अजीत वाडेकर की अगुआई में इंग्लैंड दौरे पर गई थी। टीम इंडिया टेस्ट सीरीज का पहला मैच 113 रन से हार चुकी थी। दूसरा मैच 20 से 24 जून के बीच लार्ड्स में खेला गया था। इंग्लैंड की कमान माइक डेंस (माइकल हेनरी डेंस) के हाथों में थी। उन्होंने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया।
इंग्लैंड ने पहली पारी में 182.5 ओवर में 629 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से ओपनर डेनिस एमिस, टोनी ग्रेग और माइक डेंस ने शतक लगाए। भारतीय टीम की ओर से बिशन सिंह बेदी ने 6 विकेट लिए। उनके अलावा एस आबिद अली और ईएएस प्रसन्ना ने 2-2 विकेट झटका था।
टीम इंडिया की ओर से सुनील गावस्कर और फारुख इंजीनियर ने पारी की शुरुआत की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 131 रन जोड़े। हालांकि, उन दोनों के आउट होने के बाद गुंडप्पा विश्वनाथ, एकनाथ सोलकर, अजीत वाडेकर, एस आबिद अली और बिशन सिंह बेदी ने भी फॉलोआन बचाने में काफी कोशिश की, लेकिन पूरी टीम 302 रन पर ऑलआउट हो गई।
फॉलोआन खेलने उतरी टीम इंडिया ने जब चौथे दिन की शुरुआत की तो उसका स्कोर बिना विकेट खोए 2 रन था, लेकिन पांच रन के भीतर उसके 2 विकेट गिर गए। यही नहीं, जब 25 रन का स्कोर था, तब सुनील गावस्कर समेत उसकी आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। 17 ओवरों का खेल होते-होते भारत के 42 रन पर 9 विकेट गिर चुके थे।
ज्यॉफ अर्नाल्ड ने 19 रन देकर 4 और क्रिस ओल्ड ने 21 रन पर 5 विकेट झटक चुके थे। एकनाथ सोलकर 18 रन बनाकर नाबाद थे। उनके अलावा कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाया था। हालांकि, दूसरी पारी में बीएस चंद्रशेखर बल्लेबाजी करने नहीं उतरे थे। भारतीय टीम पारी और 285 रन से मैच हार चुकी थी। इसके साथ ही भारत के नाम एक अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो चुका था। भारत का टेस्ट में यह न्यूनतम स्कोर है।