केंद्र सरकार और कॉलेजियम (Collegium vs Government) के बीच तकरार जारी है। ताजा बयान केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 150 वर्ष पूरे होने पर उच्च न्यायालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
वहां बोलते हुए केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा, “मैंने आज आते हुए देखा कि सुप्रीम कोर्ट ने वार्निंग दिया है। इस देश के मालिक यहां के लोग हैं। हमलोग सेवक हैं। सब लोग सेवक हैं। सेवा करने के लिए आए हैं। मालिक कोई है तो जनता है। और हमारा गाइड कोई है, तो वह संविधान है। संविधान के मुताबिक, जनता की सोच से देश चलेगा। कोई किसी को वार्निंग नहीं दे सकता। मैं खुद को इस महान देश के सेवक के रूप में देखता हूं। यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।”
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने न्यायाधीशों की नियुक्ति के मसले पर केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था, हम आपको 10 दिनों का वक्त दे रहे हैं। हमें कड़ा स्टैंड लेने के लिए मजबूर ना करें।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल (AG) एन. वेंकटरमणि (N Venkataramani) से पूछा था कि कॉलेजियम ने जिन 5 नामों को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए केंद्र को भेजा है, वह कब नोटिफाई होगा? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जल्दी ही नोटिफाई कर दिया जाएगा। (पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें)
4 करोड़ 90 लाख केस पेंडिंग
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए किरन रिजिजू ने कहा कि, “आज देश में लगभग 4 करोड़ 90 लाख केसों की पेंडेंसी है, जो एक चुनौती है। अन्य माध्यमों के साथ-साथ टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी पेंडेंसी को कम करने के लिए उपाय किए जा रहे है। हम सबकों मिल जुलकर इस संबंध में और अधिक प्रयास करने होंगे। हम सभी का उद्देश्य सभी को सस्ता, समय से व सुलभ न्याय प्राप्त कराना है।”