उमेश पाल अपहरण मामले में अदालत ने बाहुबली नेता अतीक अहमद के साथ उनके वकील खान सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट में यह साबित हुआ है कि उमेश पाल के अपहरण की साजिश में अतीक के साथ वकील खान सौलत हनीफ भी शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपहरण के दौरान हनीफ अतीक के चकिया कार्यालय में थे।
किस तरह साजिश में शामिल था वकील?
कोर्ट में यह साबित हुआ है उमेश पाल को अपहरण कर जब अतीक के कार्यालय लाया गया था तो वहां वकील हनीफ पहले से एक कागज लिए मौजूद थे, जिसमें अतीक के समर्थन में बयान लिखा हुआ था। उमेश पाल को वह कागज दिया गया और साथ में चेतावनी भी कि वह कोर्ट में वही बयान दे, जो कागज पर लिखा है। एमपी/एमएलए अदालत के जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने अपने फैसले में बताया है कि वकील हनीफ को अपहरण के पूरे प्लान की पहले से जानकारी थी। फैसला आने के बाद हनीफ को जेल भेज दिया गया है, उन्हें उम्रकैद की सजा हुई है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
कौन हैं खान सौलत हनीफ?
प्रयागराज स्थित अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ (61) सीनियर वकील हैं। वह लंबे समय से अतीक के साथ जुड़े हैं। उन्होंने कई मामलों में अतीक अहमद की पैरवी है। वह अतीक के लिए सत्र न्यायलय से उच्चतम न्यायलय तक गए हैं। अतीक को करीब तीन दशक तक सजा से बचाने की श्रेय भी हनीफ को ही जाता है।
अब नहीं कर पाएंगे वकालत
खान सौलत हनीफ अब वकालत नहीं कर पाएंगे। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने खान सौलत हनीफ का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने का फैसला लिया है। काउंसिल ने यह फैसला उमेश पाल अपहरण केस में वकील के दोषी पाए जाने के बाद लिया है।
उमेश पाल को अपहरण क्यों किया गया था?
उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में गवाह थे। साल 2005 में 25 जनवरी की दोपहर बसपा के तत्कालीन विधायक राजू पाल की बीच सड़क गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर लगा था। अब कोर्ट में यह साबित हुआ है कि साल 2006 में अतीक अहमद ने उमेश पाल को अगवा कर उन पर बयान बदलने का दबाव बनाया था।
उमेश पाल की हो चुकी है हत्या
24 फरवरी, 2023 को उमेश पाल की भी दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोलीबारी में उमेश पाल के गनर की भी मौत हो गई थी। अब इस मामले में यूपी एसटीएफ ने अतीक अहमद के बहनोई अखलाक अहमद को मेरठ से गिरफ्तार किया है। अखलाक अहमद पर आरोप है कि उसने उमेश पाल हत्याकांड में आरोपियों को फाइनेंशियल सपोर्ट दिया था।