कॉलेजियम द्वारा एडवोकेट सौरभ कृपाल (Advocate Saurabh Kirpal) को दिल्ली हाईकोर्ट में बतौर जज नियुक्त करने की सिफारिश को केंद्र सरकार ने एक बार फिर ठुकरा दिया है। केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश को ठुकराने के पीछे तर्क दिया है कि एडवोकेट सौरभ कृपाल समलैंगिक (Gay) हैं और पक्षपाती हो सकते हैं। उनका पार्टनर भी विदेशी है, इससे प्राइवेसी का हनन भी हो सकता है।
उधर, CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने साफतौर पर सौरभ कृपाल का समर्थन किया है और केंद्र सरकार के इस तर्क का जवाब देते हुए कहा है कि संविधान यौन स्वतंत्रता की गारंटी देता है। सौरभ कृपाल, की नियुक्ति से दिल्ली हाईकोर्ट में डाइवर्सिटी आएगी। विदेशी पार्टनर होना, अयोग्यता का आधार नहीं हो सकता है।
कौन हैं एडवोकेट सौरभ कृपाल? (Who is Advocate Saurabh Kirpal)
सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल (Saurabh Kirpal), पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीएन कृपाल के बेटे हैं। सौरभ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेस कॉलेज से पढ़ाई की है और बाद में स्कॉलरशिप पर कानून की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए थे। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद सौरभ कृपाल ने कुछ वक्त तक यूनाइटेड नेशंस (UN) के जेनेवा स्थित मुख्यालय में काम किया।
सौरभ कृपाल (Saurabh Kirpal) 90 के दशक में वापस भारत लौट आए और यहां वकालत शुरू की। देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के साथ बतौर जूनियर एडवोकेट काम कर चुके सौरभ कृपाल को मार्च 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट के 31 जजों ने निर्विरोध सीनियर एडवोकेट नियुक्त किया था।
Gay हैं सौरभ कृपाल, सुन चौंक गए थे पिता
सौरभ कृपाल समलैंगिक (Gay) हैं और उनके पार्टनर स्विस नागरिक हैं। एक इंटरव्यू में सौरभ कृपाल कहते हैं कि जब मुझे अपने सेक्सुअलिटी का पता लगा तो मैं परिवार वालों से इसे जाहिर करने में हिचक रहा था। बाद में जब मैंने अपने पिता को इस बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि वह यह जानकर आश्चर्यचकित हैं, लेकिन खुश भी हुए। वहीं मेरी मां ने कहा कि उन्हें पहले से ही शक होता था, लेकिन यकीन नहीं था। मां ने भी मेरा सपोर्ट किया।
कौन हैं सौरभ कृपाल के समलैंगिक पार्टनर?
सौरभ कृपाल के पार्टनर निकोलस जरमेन बाखमन (Nicolas Germain Bachmann) स्विस नागरिक हैं और नई दिल्ली स्थित स्विस फेडरल डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन अफेयर्स में काम करते हैं। निकोलस स्विटजरलैंड के जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं। निकोलस और सौरभ 20 सालों से रिलेशनशिप में हैं।
LGBTQ कार्यकर्ता भी हैं सौरभ कृपाल
सौरभ कृपाल कई किताबें भी लिखी चुके हैं जिनमें ‘सेक्स एंड द सुप्रीम कोर्ट: हाउ द लॉ इज अपहोल्डिंग द डिग्निटी ऑफ द इंडियन सिटीजन’ ( Sex and the Supreme Court) काफी मशहूर है। एक इंटरव्यू में सौरभ कृपाल कहते हैं कि सरकार को उनके पार्टनर से दिक्कत नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि सेक्सुअल ओरियंटेशन से ज्यादा परेशानी है और सरकार इससे असहज महसूस करती है।
सौरभ कृपाल LGBTQ कार्यकर्ता भी हैं। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक रिलेशनशिप को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के मशहूर फैसले के दो याचिकाकर्ताओं का का केस सौरभ कृपाल ने ही लड़ा था। 2018 का वो फैसला नजीर बन गया।