एशिया के सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अपनी रिपोर्ट में शेयरों के भाव गलत तरीके से नियंत्रित करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर (Adani Green Energy Share Price) की कीमत में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिससे अडानी (Adani) को भारी नुकसान हो रहा है।
अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को गलत और दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार की बात कही है। इसके बावजूद हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि वह अपनी रिपोर्ट पर कायम है।
हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है? (WHAT IS HINDENBURG RESEARCH?)
हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने की थी। हिंडनबर्ग रिसर्च एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है। अपनी वेबसाइट पर हिंडनबर्ग ने बताया है कि उनका काम मानव निर्मित आपदाओं और वित्तीय गड़बड़ियों की पड़ताल करना है।
फर्म का नाम ‘हिंडनबर्ग एयरशिप’ के हाई प्रोफाइल दुर्घटना पर रखा गया है। हिंडनबर्ग एक जर्मन एयरशिप था। 1937 में हिंडनबर्ग एयरशिप में आग लगने से 35 लोगों की मौत हो गयी थी। इस हादसे को टाला जा सकता था, लेकिन होने दिया गया।
कौन हैं हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर? (WHO IS HINDENBURG’S FOUNDER?)
कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट (University of Connecticut) से इंटरनेशनल बिजनेस में ग्रेजुशन किया है। एंडरसन ने अपनी करियर की शुरुआत एक डेटा कंपनी फैक्टसेट रिसर्च सिस्टम्स इंक से की थी। वह फाइनेंस डिपार्टमेंट में थे। साल 2020 में वॉल स्ट्रीट जर्नल से बात करते हुए एंडरसन ने बताया था कि वह बहुत पहले इजराइल में एम्बुलेंस चलाया करते थे।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी को दी चुनौती
26 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप को चुनौती देते हुए कहा है कि वह अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं और कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा
“हम कंपनी की कानून कार्रवाई की धमकी का स्वागत करते हैं। हम अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं। हमारे खिलाफ लिया गया कोई भी लीगल एक्शन आधारहीन होगा। हम अमेरिका से ऑपरेट करते हैं। अगर अडानी गंभीर हैं, तो अमेरिका में हमारे खिलाफ केस दायर करें। हमारे पास दस्तावेजों की एक लंबी लिस्ट है, जिसकी हम कानूनी प्रक्रिया के दौरान डिमांड करेंगे।”
हिंंडनबर्ग का दावा
हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि अडानी ने हमारी रिपोर्ट को बिना बिना रिसर्च का बताया है, जबकि हमें अपनी रिपोर्ट तैयार करने में दो साल का वक्त लगा है। हमारी रिपोर्ट 106 पन्नों की है, जिसमें 32000 शब्द लिखे हैं और 720 से ज्यादा उद्धरण शामिल किए गए हैं।

अडानी समूह ने 26 जनवरी को हिंंडेनबर्ग रिपोर्ट पर मीडिया के लिए लगातार दूसरे दिन बयान जारी किया। इसमें बताया गया कि अमेरिका व भारत के कानूनों के तहत क्या कार्रवाई की जा सकती है, इस पर कंपनी विचार कर रही है।