Ustad Bismillah Khan: शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां अपने हाजिर जवाब और फिक्रमंद व्यक्तित्व के लिए मशहूर थे। एक बार मुंबई रेडियो स्टेशन से उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को रिकॉर्डिंग का बुलावा आया। स्टेशन डायरेक्टर ने बिस्मिल्लाह खां को लिखकर अनुरोध किया कि वह केदार (राग) और बहार (राग) जरूर बजाएं, उसकी रिकॉर्डिंग की जाएगी।
दूसरा राग बजाने लगे बिस्मिल्लाह खां
बिस्मिल्लाह खां ने डायरेक्टर का अनुरोध स्वीकार कर लिया। वह मुंबई पहुंचे। स्टूडियो में रिकॉर्डिंग तैयारी हुई। इसके बाद बिस्मिल्लाह खां ने बजाना शुरू किया। पहले उन्होंने बागेश्री (राग) बजाया। दूसरी बार छायानट बजाया। जबकि बिस्मिल्लाह खां ने पहले वादा किया था कि वह केदार और बहार बजाएंगे।
हालांकि बिस्मिल्लाह खां को किसी ने बीच में नहीं रोका। किसी ने उन्हें टोक कर यह पूछने की हिमाकत नहीं जुटाई कि आप केदार और बहार क्यों नहीं बजा रहे हैं।
जब बिस्मिल्लाह खां ने बजाना बंद किया तो स्टेशन डायरेक्टर ने कहा, खां साहब आपने बहुत सुंदर छायानट बजाया, बहुत सुंदर बागेश्री बजाया। लेकिन हम चाहते थे कि आप हमारे लिए केदार और बहार बजा देते।
बिस्मिल्लाह खां ने दिया जवाब
गांव कनेक्शन का साप्ताहिक शो ‘यतीन्द्र की डायरी’ में हिंदी के कवि, संपादक और संगीत व सिनेमा के विद्वान यतींद्र मिश्र (Yatindra Mishra) बताते हैं कि स्टेशन डायरेक्टर की बात सुनने के बाद बिस्मिल्लाह खां ने कहा, “मैं आपके लिए केदार और बहार ही तैयार कर आया था। लेकिन याद कीजिए जब मैं आपके स्टूडियो में आया तो मैंने कहा कि मुझे जलेबी खाने का मन है, मुझे गुलाब जामुन खाने का मन है। आपने मुझे बर्फी खिलाई और कहा कि इससे काम चला लीजिए। तो जब आपने मुझे जलेबी के एवज में बर्फी से काम चलाने को कहा तो इस बार तो आप बहार की जगह छायानट से काम चला लीजिए। दूसरा राग नहीं बजाऊंगा।”
जब फटी लुंगी पहन देने लगे इंटरव्यू
बिस्मिल्लाह खां इकलौते कलाकार हैं, जिन्हें भारत का चारों सर्वोच्च नागरिक सम्मान (पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न) मिल चुका है। भारत रत्न सन् 2001 में मिला था। इसके कुछ समय बाद एक टीवी चैनल बिस्मिल्लाह खां का इंटरव्यू लेने पहुंचा। बिस्मिल्लाह खां अपने घर में जिस फटी लुंगी में बैठे थे, उसी को पहने हुए इंटरव्यू देने लगे। जब उनकी शिष्या की इस पर नजर गई तो उन्होंने टोकते हुए पूछा, “आपको तो भारत रत्न मिल चुका है, आप फटी लुंगी पहनकर इंटरव्यू क्यों दे रहे हैं? “
अपनी शिष्या के इस सवाल के जवाब में बिस्मिल्लाह खां ने जो कहा, वह गुरु मंत्री सरीखे था। बिस्मिल्लाह खां ने अपनी शिष्या को क्या जवाब दिया था? (उस दिलचस्प प्रसंग के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक क्लिक करें।)