बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी का जन्म 21 मार्च 1978 को मुंबई के फिल्मी परिवार में हुआ था। रानी मुखर्जी को एक्टिंग विरासत में मिली है। उनके पिता राम मुखर्जी फिल्म डायरेक्टर और मां गायिका रही हैं। भाई राजा भी फिल्म निर्देशक हैं। मशहूर अभिनेत्री काजोल रानी मुखर्जी की रिश्तेदार हैं।
रानी मुखर्जी ने अभिनय की शुरुआत साल 1996 में की थी। लेकिन मेनस्ट्रीम फिल्मों में आने में उन्हें 1998 तक का वक्त लगा। रानी मुखर्जी ने सबसे पहले अपने पिता द्वारा निर्देशित बंगाली फिल्म बियेर फूल में काम किया था। हिंदी फिल्मों में उनकी एंट्री ‘राजा की आएगी बारात’ से हुई।
‘गुलाम’ और ‘कुछ-कुछ होता है’ जैसी फिल्मों में अपने शानदार अभिनय के दम पर रानी मुखर्जी 1998 तक अपने समय की शीर्ष अदाकाराओं में शामिल हो गई थीं। खासकर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का ‘फिल्मफेयर अवार्ड’ मिलने के बाद वह इंडस्ट्री में अधिक मजबूती से स्थापित हो गई थीं।
हालांकि जब उन्होंने शुरुआत की थी तब रानी को विश्वास नहीं था कि वह अपनी आइडल श्रीदेवी और रेखा की तरह हीरोइन बनने के लायक हैं।
छोटा कद और आवाज़
रानी मुखर्जी को फिल्मी जगत में करियर बनाने की सलाह उनकी मां ने दी थी। शुरुआत में गुलाम फिल्म में रानी मुखर्जी की आवाज को डब किया गया था। इसके अलावा उन्होंने महसूस किया कि उनके छोटे कद के कारण उन्हें भविष्य में काम मिलने में परेशानी आएगी। उन्हें इस संशय से निकालने का श्रेय जाता है आमिर खान और कमल हासन को। उन्होंने रानी मुखर्जी को करियर में आगे बढ़ते रहने की सलाह दी थी।
साल 2021 में इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में रानी मुखर्जी ने बताया था, “मैंने कभी नहीं सोचा था मैं हीरोइन की श्रेणी में फिट हो पाउंगी। असल में मैं एक नायिका के कथिक मानक के विपरीत हूं। मेरा कद छोटा है। मेरी आवाज नायिका के अनुकूल नहीं है। मेरी त्वचा का रंग सांवला है। जब मैंने शुरुआत की थी, तो मुझे विश्वास नहीं था कि मैं एक एक्ट्रेस बना सकती हूं। मैं श्रीदेवी, जूही चावला, माधुरी और रेखा जी को देखते हुए बड़ी हुई थी। उन्हें स्क्रीन पर देखते हुए मैंने कभी खुद के वहां तक पहुंचने की कल्पना नहीं की थी।”
कैसे आया आत्मविश्वास?
रानी मुखर्जी इंडिया टुडे के इंटरव्यू में ही बताती हैं कि “जैसे ही फिल्मी दुनिया में मेरी यात्रा शुरू हुई, मैंने उन दिग्गजों से बात की, जिनके साथ मुझे काम करने का अवसर मिला। उनमें से एक कमल हासन थे। उन्होंने मुझे बताया कि आप अपनी बॉडी की हाइट से अपनी सफलता को नहीं माप सकतीं। बल्कि आपकी सफलता इस बात से तय होती है आप प्रोफेशनली अपने कद को कितना ऊंचा कर सकती हैं। इसलिए मैंने बॉलीवुड के अपने शुरुआती दिनों में उन सभी रूढ़ियों को तोड़ा, जिनमें एक अभिनेत्री को रखा गया था।”