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किताब लेकर प्रधानमंत्री आवास पहुंचा लेखक, इंदिरा गांधी ने फटकारते हुए कहा- मैं कूड़ा-करकट नहीं पढ़ती

Indira Gandhi: अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात लेखक डॉम मोरेस अपनी एक किताब इंदिरा गांधी को भेंट करना चाहते थे।

Indira Gandhi | Book | Prime Minister
इंदिरा गांधी (फोटो क्रेडिट – इंडियन एक्सप्रेस)

भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की ख्याति एक मजबूत राजनेता की रही है। हालांकि शुरुआत में संसद के भीतर इंदिरा गांधी को समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया कई बार “गूंगी गुड़िया” कहा दिया करते थे। बाद में वही इंदिरा गांधी आयरन लेडी बनकर उभरीं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को किताबें पढ़ना पसंद था। वह अक्सर अपने दोस्तों को कविताएं लिखकर भी भेजा करती थीं।

‘कूड़ा-करकट नहीं पढ़ती’

1975 के आपातकाल की वजह से आज दुनिया को यह पता है कि इंदिरा गांधी को आलोचक पसंद नहीं थे। वह अपने विरोधियों और आलोचकों से कड़े लहजे में मुखातिब होती थीं। अगर वह किसी से नाराज हो जाती थीं, तो फिर उस गुस्से को लंबे समय तक पाले रखती थीं। अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात लेखक डॉम मोरेस ने इंदिरा गांधी की एक जीवनी लिखी थी। किताब का नाम था ‘मिसेज जी’। इंदिरा को मोरेस की किताब पसंद नहीं आयी थी।

मोरेस को यह बात पता नहीं थी। वह इंदिरा गांधी को अपनी किताब भेंट करना चाहते थे। इसके लिए वह प्रधानमंत्री आवास पहुंच गए। वहां उन्हें एक कोने में बैठकर इंतजार करने के लिए कह दिया गया।

बीबीसी हिंदी पर प्रकाशित रेहान फ़ज़ल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे इंतजार के बाद भी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें मिलने का वक्त नहीं दिया और आवास से निकलने लगीं। इसी दौरान इंदिरा गांधी के करीबी आरके धवन ने मोरेस को सलाह दी की वह प्रधानमंत्री से तब मिल लें, जब वह कार में बैठकर निकलने को हों।

मोरेस ने ऐसा ही किया। इंदिरा गांधी जैसे ही कार में बैठीं, मोरेस ने उनके पास पहुंच गए और अभिवादन किया। प्रधानमंत्री ने खीज़े स्वर में बोला- कहिए। इसके बाद मोरेस ने बोला- “मैडम, मैं ये किताब आपको भेंट करने आया हूँ।” इतना सुनते ही इंदिरा ने बात को लगभग काटते हुए कहा, “किताब? कैसी किताब? मैं कूड़ा-करकट नहीं पढ़ती। इसे आप वापस ले जाइए।”

पाकिस्तानी राष्ट्रपति की दी किताब देख भड़क गई थीं इंदिरा

किताब देख इंदिरा गांधी के भड़कने की एक घटना जिम्बाब्वे में हुई थी। इंदिरा गांधी को पाकिस्तान के राष्ट्रपति ज़िया उल हक (Muhammad Zia-ul-Haq) ने एक कॉफी टेबल किताब भेंट की थी। किताब को देखते ही इंदिरा गांधी का पारा चढ़ गया था। उन्होंने तुरंत उस किताब को वापस ज़िया उल हक के पास भेज दिया था। क्या था उस किताब में? जानने के लिए लिंक पर क्लिक कर पूरी खबर पढ़ें।

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First published on: 05-03-2023 at 09:32 IST