सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) का अपने जूनियर कलीग्स के साथ कैसा बर्ताव रहता है, इसकी एक झलक कभी उनके साथ काम कर चुकीं वकील मानसी चौधरी के संस्मरण से मिलती है। मानसी ने चंद्रचूड़ के 60वें जन्मदिन पर एक ब्लॉग में उनके बारे में संस्मरण लिखा था।
मानसी चौधरी अपने ब्लॉग में बताती हैं कि कैसे उनकी तबीयत खराब होने पर जस्टिस चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी ने अपनों जैसा ख्याल रखा था। सुप्रीम कोर्ट कवर करने वाले पत्रकार भी अक्सर बताते रहते हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट में आते-जाते भी जूनियर्स से हाल-चाल पूछते रहते हैं।
जब चंद्रचूड़ ने खुद दी अपनी कलीग को दवाई
डीवाई चंद्रचूड़ जब सुप्रीम कोर्ट में बतौर सीनियर जज तैनात थे, तब मानसी उनकी सहकर्मी थीं। जस्टिस चंद्रचूड़ के 60वें जन्मदिन पर लिखे एक ब्लॉग में मानसी चौधरी ने बताया था कि कैसे तमाम व्यस्तताओं के बावजूद चंद्रचूड़ ने परिवार की तरह उनका ख्याल रखा था।
मानसी लिखती हैं, “जस्टिस चंद्रचूड़ देश के सबसे व्यस्त लोगों में से एक होने के बावजूद हमेशा अपनी टीम का ध्यान परिवार की तरह रखते थे। एक दिन मुझे बुखार हो गया और मैं ऑफिस नहीं जा सकी। सर ने मुझे यह जानने के लिए बुलाया कि मैं कैसा महसूस कर रही हूँ!”
जब मानसी को फूड प्वाइजनिंग हुआ था और उन्होंने ऑफिस में ही उल्टी कर दी थी, तब चंद्रचूड़ ने उन्हें खुद दवाई दी थी। मानसी लिखती हैं, ऑफिस में फूड प्वाइजनिंग होने पर सर और मैम ने जिस तरह से मेरी देखभाल की, वह अभिभूत कर देने वाला था।
जब मुझे ऑफिस में उल्टी हुई और सर के सेक्रेटरी से पूछा कि कोई दवाई है क्या? तो अगले ही पल सर और मैम ने मुझे अंदर बुलाया और न केवल मुझे दवा दी, बल्कि उन्होंने अपने गेस्ट रूम में आराम करने के लिए भी भेजा। मैम ने लंच में मेरे लिए खास खिचड़ी भी बनवाई। इस घटना ने वास्तव में मेरे दिल को छू लिया। सर और मैम मुझे आसानी से घर भेज सकते थे, जो ठीक भी होता। लेकिन उन्होंने अपनापन दिखाते हुए मेरी देखभाल की।
यहां तक कि जब मैं दिल्ली से हैदराबाद जाने के लिए हवाईअड्डे पर थी, तब सर ने मुझे यह पूछने क लिए कॉल किया कि मैं सुरक्षित पहुंच गई हूं या नहीं। मुझे आश्चर्य होता है कि राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर निर्णय देते हुए भी सर अपने साथ काम करने वालों का हालचाल लेना नहीं भूलते।
मैंने सर से सिर्फ कानून नहीं सीखा
अपने ब्लॉग में मानसी बताती हैं कि उन्होंने जस्टिस चंद्रचूड़ से केवल कानून नहीं सीखा बल्कि विनम्रता, उदारता और दया भाव भी सीखा। वह लिखती हैं, जस्टिस चंद्रचूड़ के कार्यकाल में बिताया गया मेरा समय, भले ही बहुत अधिक दिनों का न रहा हो। लेकिन उस संक्षिप्त समय का भी मुझ पर स्थायी प्रभाव पड़ा है। उनकी सीख मुझे हमेशा विनम्र रहने की याद दिलाता है।
जब कलीग्स को खाना खिलाने के लिए लाइन में लगे चंद्रचूड़
जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक दफा अपने कलीग्स को दिल्ली के मशहूर और व्यस्ततम रेस्तरां में पार्टी दिया था। वहां हमेशा की तरह काफी भीड़ थी। चंद्रचूड़ चाहते तो अपने दफ्तर से ही एक फोन कॉल के जरिए रेस्तरां का एक पूरा फ्लोर बुक कर सकते थे। लेकिन उन्होंने आम लोगों की तरह लाइन में लगकर टेबल का इंतजार करना चुना। (उन्होंने ऐसा क्यों किया यह जानने के लिए लिंक पर क्लिक कर पूरी खबर पढ़ें)
सहकर्मी की गलती पर नाराज होने के बजाय दिया गुरु मंत्र
मानसी अपने ब्लॉग में बताती हैं कि उन्होंने एक बार जस्टिस चंद्रचूड़ के सामने पूरी की पूरी फाइल गलत पढ़ दी थी। इससे जस्टिस चंद्रचूड़ का काफी समय बर्बाद हुआ था। बावजूद इसके उन्होंने मानसी को डांटा नहीं। जबकि मानसी का अनुभव था कि दूसरे वकील छोटी सी गलती के लिए जूनियर्स के ऊपर फाइल फेंक दिया करते थे। लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ ने नाराज होने के बजाय मानसी को गुरु मंत्र दे दिया। क्या था चंद्रचूड़ का वह गुरु मंत्र? (जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें।)
कौन हैं डीवाई चंद्रचूड़?
धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने 9 नवम्बर, 2022 को यह पद संभाला था। उनका कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 होगा। जस्टिस चंद्रचूड़ साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट का जज बने थे। उससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। डीवाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (YV CHANDRACHUD) भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थें। वह सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहे थे। उनका कार्यकाल करीब सात साल का था।
डीवाई चंद्रचूड़ का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र का रहने वाला है। चंद्रचूड़ की पढ़ाई महाराष्ट्र, दिल्ली और अमेरिका से हुई है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) के ही कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी किया है। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका गए। वहां उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल (Harvard Law School) से मास्टर की डिग्री और पीएचडी की उपाधि ली। (जस्टिस चंद्रचूड़ की शैक्षणिक योग्यता के बारे में विस्तार से जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें)