इस बात की अक्सर चर्चा होती है कि भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (Justice Dhananjaya Yeshwant Chandrachud) के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (Y. V. Chandrachud) भी CJI थे। वह भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थें। हालांकि यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि कानून की पढ़ाई पूरी कर लेने के बावजूद डी वाई चंद्रचूड़ को उनके पिता ने वकालत में आने से रोक दिया था।
हॉर्वर्ड से लौटने के बाद पिता ने रख दी थी शर्त
दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) के सेंट स्टीफेंस कॉलेज (St. Stephen’s College) से इकोनॉमिक्स (Economics) में ग्रेजुएशन करने और डीयू (DU) के ही कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी करने के बाद जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ अमेरिका चले गए थे। वहां उन्होंने हॉर्वर्ड लॉ स्कूल (Harvard Law School) से मास्टर की डिग्री ली और ज्यूडिशियल साइंस (Juridical Sciences) में डॉक्टरेट की उपाधि भी ली।
भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभालने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट में डी वाई चंद्रचूड़ के लिए फेलिसिटेशन फंक्शन का आयोजन किया गया था। यह दिसंबर 2022 की बात है। उसी समारोह में डी वाई चंद्रचूड़ ने बताया था कि, “मेरे पिता बहुत सख्त आदमी थे। जब मैंने अपना लॉ पूरा कर लिया तो उन्होंने मुझे वकालत में आने से रोक दिया था।”
दरअसल जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ ने शर्त रख दी थी कि जब तक वह सुप्रीम कोर्ट के जज हैं। तब तक वह डी वाई चंद्रचूड़ को वकालत में आने की अनुमति नहीं दे सकते।
डी वाई चंद्रचूड़ कहते हैं कि, “अब मुझे यह पसंद आए या न आए, मुझे उनके आदेश का पालन करना ही था। यही वजह रही कि मैंने अपनी प्रैक्टिस उस समय शुरू की जब मेरे पिता सेवानिवृत्त हो गए।”
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश के रूप में वाई वी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक था। इतना लंबा कार्यकाल अब तक किसी दूसरे सीजेआई का नहीं रहा है।
अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाना माता-पिता का था सपना
फेलिसिटेशन फंक्शन में ही जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि मेरे माता-पिता का सपना था कि उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ें। उन्होंने हमें 7वीं कक्षा से अंग्रेजी सीखना शुरू किया। मेरे माता-पिता को विदेश में पढ़ने का मौका नहीं मिला था। लेकिन उन्होंने मुझे और मेरी बहन को यह अवसर दिया।
बता दें कि डी वाई चंद्रचूड़ अपने परिवार से साथ बंबई में बड़े हुए। हालांकि उनकी जड़े पुणे की हैं। चंद्रचूड़ बचपन से ही संगीत से घिरे हुए थे। उनके पिता दिवंगत पूर्व सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ एक प्रशिक्षित शास्त्रीय संगीतकार थे। उनकी माँ ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाया करती थीं। चंद्रचूड़ अपनी मां प्रभा की संगीत शिक्षिका प्रसिद्ध किशोरी अमोनकर बड़े प्रशंसक रहे हैं।