Budget 2023 Changes: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का यह चौथा बजट होगा। जबकि साल 2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार इस बार अपना दसवां बजट पेश करने जा रही है। हर बार की तरह इस बार भी बजट को लेकर तमाम तरह के कयास और अनुमान लगाए जा रहे हैं। साथ ही, अपेक्षाएं भी बताई जा रही हैं। नौकरीपेशा लोगों की बात करें तो सबसे ज्यादा आस इनकम टैक्स (Income Tax) में राहत की है। इसकी एक खास वजह यह भी है कि मोदी सरकार के रहते केवल एक बार इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में बदलाव हुआ है। इस बीच, महंगाई काफी बढ़ी है और रुपए की वैल्यू कम हुई है। मिडिल क्लास को उम्मीद है कि इस बार मोदी सरकार (Narendra Modi Government) मिडिल क्लास को तीन फ्रंट पर राहत दे सकती है।
मोदी सरकार ने सिर्फ एक बार किया स्लैब में बदलाव
नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने सत्ता में आने के बाद सिर्फ एक बार साल 2014-15 में इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में संशोधन किया था। तब से अब तक आयकर स्लैब जस का तस बना हुआ है। अभी बेसिक छूट ढाई लाख रुपए है। 60 से 80 साल तक के सीनियर सिटीजन के लिए यह छूट 3 लाख तक और 80 से ऊपर वालों के लिए 5 लाख तक की छूट है।
मिडिल क्लास और नौकरीपेशा को 3 फ्रंट पर लाभ की उम्मीद
1 – इनकम टैक्स स्लैब: पिछले 8 सालों के दौरान महंगाई में काफी इजाफा हुआ है। खासकर कोरोना के बाद सबसे ज्यादा मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास की आय पर असर पड़ा है। ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि इस बजट में मोदी सरकार इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में बदलाव कर सकती है। बेसिक छूट की लिमिट को और बढ़ा सकती है। कई विशेषज्ञ इसकी जरूरत भी बता रहे हैं।
2 – स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी संभव: अभी सैलरीड क्लास को 50000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) का भी लाभ मिलता है। मोदी सरकार ने जब इसे दोबारा लागू किया था तब मेडिकल और ट्रांसपोर्ट के लिए मिलने वाले टैक्स फ्री रिम्बर्समेंट को खत्म कर दिया था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में तेल (Oil Prices) और दवाओं की कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं, ऐसे में विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि टैक्स के बोझ तले दबे मध्य वर्ग व नौकरीपेशा लोगों को राहत देने का एक तरीका यह भी हो सकता है कि सैलरीड क्लास को स्टैंडर्ड डिडक्शवन में कुछ और छूट दी जाए।
3 – होम लोन: पिछले कुछ महीनों के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट (Repo Rate) में कई बार बढ़ोतरी की है, इससे होम लोन महंगा हो गया है। इसका सबसे ज्यादा असर मिडिल क्लास (Middle Class) और नौकरीपेशा लोगों पर पड़ा है। इसलिए वे आस लगाए बैठे हैं कि मोदी सरकार इस बजट में होम लोन (Home Loan) के ब्याज पर मिलने वाले टैक्स छूट की सीमा में और बढ़ोतरी कर दे।