सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तमिलनाडु सरकार को उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने पर कड़ी चेतावनी दी है। 24 घंटे की मोहलत देते हुए जेल में बंद श्रीलंकाई नागरिक के संबंध में कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा है। श्रीलंकाई नागरिक पिछले 35 सालों से तमिलनाडु की जेल में बंद है।
क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?
साल 2018 की एक पॉलिसी को आधार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ वक्त पहले तमिलनाडु सरकार को श्रीलंकाई कैदी को रिहा करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अनुरोध पर सरकार को आदेश दिया था कि उसे तब तक ट्रांजिट कैंप पर रखा जाए और सप्ताह भर के अंदर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
24 घंटे में निर्णय लें नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच जब इस बात का पता लगा कि तमिलनाडु सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है तो बेंच बहुत नाराज हो गई। कोर्ट ने फौरन अवमानना की कार्यवाही तो नहीं शुरू की लेकिन राज्य सरकार को कड़े शब्दों में चेतावनी दी।
बेंच ने कहा कि यह ऐसा मामला था जिसमें आरोपी पिछले 33 सालों से जेल में बंद है। राज्य सरकार एक साधारण से आदेश का पालन नहीं कर पाई। आज तो हम अवमानना की कार्यवाही नहीं शुरू कर रहे हैं लेकिन अगर 24 घंटे के अंदर जरूरी कदम नहीं उठाए तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होनी है।
भारत की जेलों में कितने विदेशी कैदी?
भारत में करीब 5000 विदेशी कैदी अलग-अलग जेल में बंद हैं। इनमें से एक 1140 दोषी करार दिए जा चुके हैं, जबकि 3467 ट्रायल का सामना कर रहे हैं। सरकार ने पिछले साल संसद को यह जानकारी दी थी। तब सरकार ने बताया था कि देश के अलग-अलग राज्यों में जेलों में बंद विदेशी मूल के कैदियों में सर्वाधिक बांग्लादेश के हैं। इनकी संख्या 1630 है।
दूसरे नंबर पर नाइजीरिया है। नाइजीरिया के 615 कैदी भारत की जेल में बंद हैं। इसी तरह नेपाल के 463, म्यांमार के 152 और दूसरे अफ्रीकी देशों के 114 कैदी हैं। इसी तरह पाकिस्तानी मूल के भी 107 कैदी हैं।
कितने भारतीय विदेशों में कैदी?
उधर, पिछले महीने ही भारत सरकार ने संसद में बताया था कि दुनिया के अलग-अलग देशों में भारतीय मूल के 8343 कैदी बंद हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक यूएई में सर्वाधिक 1926 कैदी हैं। तो सऊदी अरब में 1326 कैदी हैं, इसी तरह नेपाल में 1222 भारतीय कैद हैं।