पंजाब का शहर कपूरथला (Kapurthala) कभी अपने आप में एक भरा-पूरा रियासत हुआ करता था। कपूरथला रियासत पर साल 1772 से अहलूवालिया सिख सरदारों का शासन रहा है। इस रियासत पर सिख महाराजाओं की कई पीढ़ियों ने शासन किया है। कपूरथला रियासत के आखिरी महाराजा जगतजीत सिंह (Maharajah Sir Jagatjit Singh) थे। उनके शासन काल में ही कपूरथला रियासत की महारानी स्पेन की एक क्लब डांसर (Club Dancer) बनी थी।
क्या है कहानी?
सन् 1906 की बात है। स्पेन (Spain) के महाराजा अल्फोंसो द थर्टीन की शादी हो रही थी। शादी में दुनिया भर से मेहमानों को बुलाया गया था, जिसमें कपूरथला के महाराजा जगतजीत सिंह का नाम भी शामिल था। एक शाम जगतजीत सिंह मेड्रिड (स्पेन की राजधानी) के एक मशहूर क्लब ‘कुरसाल फ़्रंटन’ पहुंचे। वहां उन्होंने एक 16 साल की एक स्पेनिश लड़की डांस करते देखा। लड़की का नाम अनीता डेलगाडो ब्रियोन्स (Anita Delgado Briones) था। अनीता की खूबसूरती को देखकर जगजीत सिंह अपना दिल दे बैठे। तब जगतजीत सिंह 34 साल के एक शादीशुदा राजा थे। अगली सुबह कपूरथला के महाराजा अपनी आलीशान गाड़ी में उस स्पेनिश डांसर के घर पहुंचे। वहां उन्होंने लड़की को अपने दिल की बात बताई और वापस आ गए।
कुछ दिन बाद महाराजा का सचिव शादी का आधिकारिक प्रस्ताव लेकर लड़की के घर पहुंचा। लेकिन लड़की ईसाई माता-पिता ने सिख महाराजा के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। अब सवाल उठता है कि फिर शादी कैसे हुई? इस सवाल के जवाब तक पहुंचे, उससे पहले लड़की और उसके परिवार के बारे में जान लेते हैं।
स्पेनिश राजा के एक फैसले से बदली थी इस परिवार की जिंदगी
अनीता डेलगाडो ब्रियोन्स का जन्म 8 फरवरी 1890 को स्पेन के बहुत छोटे शहर मलागा में हुआ था। अनीता अपनी एक बहन के साथ इसी शहर में बड़ी हो रही थी। माता-पिता मलागा में एक छोटा कैफे चलाया करते थे। कैफे में जुआ भी खेला जाता था। लेकिन सन् 1900 में एक रोज स्पेन के राजा ने जुआ पर प्रतिबंध लगा दिया।
अनीता के परिवार को मलागा छोड़ मेड्रिड में शिफ्ट होना पड़ा। पिता घर चलाने के लिए संसाधन जुटाने में लगे थे। वह लगातार नौकरी की तलाश कर रहे थे। इधर घर की हालत खराब होती जा रही थी। ऐसे में अनीत और उनकी बहन ने भी पैसा कमाने ठानी। उनके पड़ोस में एक व्यक्ति बहुत बढ़िया फ्लेमेंको डांस किया करता था। दोनों बहनों ने उसी से मदद मांगी और मुफ्त में डांस सिख लिया।
पिता को जब इसकी भनक लगी तो वह नाराज हुए। वह नहीं चाहते थे कि उनकी बेटियां क्लब में मर्दों के सामने नाचें। लेकिन घर चलाने के लिए कुछ न कुछ तो करना था। इसलिए दोनों बहनों ने क्लब में नाचना शुरू कर दिया। इसी काम को करते हुए कपूरथला के महाराजा ने अनीता को देखा और दिल दे बैठे। अनीता के पिता शादी के लिए राजी नहीं थे। लेकिन जगजीत सिंह ने परिवार के सामने एक ऐसा प्रस्ताव रख दिया कि शादी के लिए अनीता के पिता भी राजी हो गए।
क्या था वह ऑफर?
जगतजीत सिंह ने अनीता के साथ शादी के बदले परिवार को एक लाख पाउंड देने का वादा किया। यह इतनी बड़ी रकम थी कि अनीता के पिता की ना तुरंत हां में बदल गयी। हालांकि शादी के लिए कुछ जरूरी चीजें होनी बाकी थीं। महाराजा जगतजीत सिंह ने अनीता को शाही तौर तरीका सीखने के लिए पेरिस भेजा, जहां उनका अपना आलीशान महल था। अनीता ने पेरिस में कई महीनों की ट्रेनिंग ली। उन्हें पांच भाषाएं सिखाई गई। स्केटिंग, टेनिस और डांस सिखाया गया। गाड़ी चलाना सिखाया गया। जब अनीता की शाही तौर तरीकों की ट्रेनिंग पूरी हो गयी, तब उन्हें साल 1907 में भारत लाया गया। 28 जनवरी 1908 को महाराजा जगतजीत सिंह और अनीता डेलगाडो ब्रियोन्स की सिख परंपरा से शादी हुई। इसके बाद अनीता जगतजीत सिंह की पांचवीं पत्नी बन गयीं और उनका नाम प्रेम कौर हो गया। बाद में दोनों को एक बेटा भी हुआ, जिसका नाम अजीत सिंह रखा गया।
हैदराबाद के निजाम का आया दिल
स्पेन की लड़की के कपूरथला की महारानी बनने की चर्चा पूरे भारत में थी। एक बार हैदराबाद के निजाम ने महारानी प्रेम कौर को अपने यहां आने का निमंत्रण भेजा। जब महारानी हैदराबाद पहुंची, तो उन्हें देखते निजाम अपना दिल हार बैठे। हालांकि महारानी के शादीशुदा होने के कारण उन्हें खुद को काबू में रखना पड़ा। लेकिन उन्होंने प्रेम कौर के आवभगत में कोई कमी नहीं की।
जब मोहम्मद अली जिन्ना ने छुड़ाया राजा-राजी का झगड़ा
शादी के एक दशक बाद जगतजीत सिंह और प्रेम कौर के बीच मतभेद होने लगे थे। एक बार लंदन एक होटल में दोनों के बीच खूब बहस भी हो गयी थई। तब उसी होटल में ठहरे मोहम्मद अली जिन्ना ने बीच बचाव किया था। दरअसल मोहम्मद अली जिन्ना और कपूरथला के महाराजा जगतजीत सिंह दोस्त थे। शादी के 16 साल बाद 1925 में जब जगतजीत सिंह और प्रेम कौर अलग हुए, तब जिन्ना ने महाराजा के जायदाद में महारानी को भरपूर हिस्सा दिलवाया।
प्रेम कौर को भारी दौलत मिली, जिसके साथ वह यूरोप में ही शिफ्ट हो गयीं। 7 जुलाई 1962 को मैड्रिड में निधन से पहले प्रेम कौर ने अपनी सारी संपत्ति बेटे अजीत सिंह के नाम कर दी। उधर जगतजीत सिंह ने एक और विदेशी महिला से अपनी छठी शादी की। आज़ादी के बाद कपूरथला रियासत का भारत में विलय हो गया और 1949 में जगतजीत सिंह की मौत हो गयी।