होली के अगले ही दिन (9 मार्च) को चर्चित फिल्म निर्देशक और अभिनेता सतीश कौशिक (Satish Kaushik) का निधन हो गया था। 66 वर्षीय कौशिक गुरुग्राम में होली मना रहे थे, वहीं उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
सतीश कौशिक के निधन के बाद बीबीसी संवाददाता नितिन श्रीवास्तव ने एक विस्तृत संस्मरण लिख, उनके साथ बिताए पलों को दर्ज किया है। श्रीवास्तव बतौर रिपोर्टर कई बार सतीश कौशिक से मिल चुके थे और उनका इंटरव्यू भी किया था। उन्हीं साक्षात्कारों में कई बार सतीश कौशिक ने भोजन और खासकर दिल्ली के भोजनों के प्रति अपने प्रेम को उजागर किया था।
‘यार वो क्या टेस्टी बनाते हैं’
बतौर जूनियर रिपोर्टर नितिन श्रीवास्तव जब पहली बार सतीश कौशिक का इंटरव्यू करने गए थे, तब भी वह खा ही रहे थे। कौशिक खुद तो सूखे आलू की सब्जी के साथ कचौड़ी खा ही रहे थे, नितिन श्रीवास्तव को भी उसमें शामिल होने के आमंत्रित किया था। उसी बातचीत में उन्होंने बताया था कि वह मुंबई में रहते हुए भी दिल्ली वाला खाना तलाशते रहते हैं। वह अपने परिचय में खुद को दिल्ली-पंजाब वाला बताते हैं।
सतीश कौशिक का जन्म तो हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था लेकिन उनकी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई थी। उन्हें दिल्ली से बहुत प्यार था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था। किरोड़ीमल कॉलेज के दिनों को याद करते हुए उन्होंने श्रीवास्तव को बताया था कि वह ‘रौशन दी कुल्फी’ खाने लिए हर सप्ताह अपने कॉलेज से करोल बाग बस से जाया करते थे। वहीं का उन्हें चना-भटूरा भी बहुत पसंद था। उन व्यंजनों के स्वाद को याद करते हुए कौशिक कहा था, “यार वो क्या टेस्टी बनाते हैं!”
NSD, पुरानी दिल्ली, पहाड़गंज…
किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में दाखिला ले लिया था। NSD में पढ़ाई के दौरान उन्हें या तो पुरानी दिल्ली का खाना पसंद आता था, या पहाड़गंज के होटलों का। श्रीवास्तव से बातचीत में दिल्ली के खानों को याद करते हुए सतीश ने कहा था, “क्या ख़ूब बनाते हैं यार। ऊपर से देसी घी डाल देते हैं, ओह हो! आज भी मौक़ा मिलता है तो दिल्ली में चुपके से मंगवा के खा लेता हूं।…”