Collegium vs Government: केंद्र सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) में पांच जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी और नए जजों ने शपथ भी ले दिया। लेकिन नए जजों की नियुक्ति के बीच कॉलेजियम (Collegium) के दिशा-निर्देशों को दरकिनार कर दिया गया। दरअसल, कॉलेजियम ने इन पांच जजों की नियुक्ति से पहले एडवोकेट आर. जॉन सत्यन के नाम को प्राथमिकता देने की सिफारिश की थी, लेकिन केंद्र ने कॉलेजियम के इस रेकमेंडेशन को नहीं माना।
बुधवार को जिन पांच नए जजों ने शपथ ली, उसमें बीजेपी से कनेक्शन वालीं लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी (Lekshmana Chandra Victoria Gowri), पिल्लईपक्कम बाहुकुटुंबी बालाजी (Pillaipakkam Bahukutumbi Balaji), कांडासामी कुलांदावेलु रामकृष्णन (Kandhasami Kulandaivelu Ramakrishnan), रामचंद्रन कलैमाथी (Ramachandran Kalaimathi), और के. गोविंदराजन तिलकावाड़ी (K Govindarajan Thilakavadi) शामिल हैं।
कॉलेजियम ने बीते 17 जनवरी को इन पाचों को जज बनाने की सिफारिश की थी। 17 जनवरी को ही कॉलेजियम ने अपनी पूर्व की सिफारिश दोहराते हुए एडवोकेट आर जॉन सत्यन को भी मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) में जज बनाने की संस्तुति की थी और नए नामों पर प्राथमिकता देने को कहा था।

सालभर से धूल फांक रही सत्यन की फाइल
Bar&Bench की एक रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेजियम ने पहली बार 16 फरवरी 2022 को एडवोकेट आर जॉन. सत्यन का नाम पांच अन्य वकीलों के नाम के साथ बतौर जज नियुक्ति के लिए केंद्र को भेजा था। इनमें से 4 नामों को केंद्र की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन एडवोकेट सत्यन और अब्दुल गनी अब्दुल हमीद का नाम सरकार ने वापस लौटा दिया था।
केंद्र ने क्यों लौटा दिया था सत्यन का नाम?
केंद्र सरकार ने सत्यन का नाम लौटाते हुए खुफिया एजेंसी IB की रिपोर्ट का हवाला दिया था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि एडवोकेट सत्यन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से दो लेख शेयर किये। एक लेख पीएम मोदी की आलोचना से जुड़ा था और दूसरा एक मेडिकल स्टूडेंट के सुसाइड से। बाद में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अगुवाई वाले कॉलेजियम ने बाकायदा केंद्र सरकार के इस तर्क का जवाब दिया था।
कॉलेजियम ने 17 जनवरी को नए नाम प्रस्तावित करते हुए कहा था कि सत्यन का नाम उनसे पहले क्लियर किया जाना चाहिए। हालांकि राष्ट्रपति ने 6 फरवरी को नए नामों को बतौर जज नियुक्ति का वारंट जारी कर दिया। इसमें सत्यन का नाम नहीं था।