PM Narendra Modi Mother Heeraben Death: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की मां हीराबेन (Heeraben Modi) का शुक्रवार तड़के 3:30 बजे निधन हो गया। पीएम ने उन्हें सुबह 9:26 बजे मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा के दौरान उन्होंने खुद अपनी मां के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां को अपना सबसे बड़ा गुरु मानते थे। पीएम मोदी कई मौकों पर बताते रहे हैं कि उनकी मां समय की काफी पाबंद थीं। वह अपने खान-पान का भी विशेष ध्यान रखती थीं।
बहुत सादा भोजन करती थीं हीराबेन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां बाहर का कुछ नहीं खाती थीं। वह केवल घर का बना सादा खाना ही खाती थीं। अधिक तेल मसाला युक्त व्यंजन और तले भुने खाने का वह परहेज करती थीं। उन्हें खिचड़ी, दाल, चावल अधिक पसंद था। मीठे में वह लपसी काफी पसंद करती थीं। अपने जन्मदिन के मौके पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हीराबा से आर्शीवाद लेने जाते थे तो वह मिश्री और लपसी से उनका मुंह मीठा कराती थीं।
किसी की सेवा नहीं लेना चाहती थीं हीराबेन
18 जून, 2022 को लिखे ब्लॉग में पीएम मोदी ने बताया था कि कैसे उनकी मां ने तय कर रखा था कि वह किसी की सेवा नहीं लेना चाहतीं। पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा था, “आज भी जब मैं मां से मिलता हूं, तो वो हमेशा कहती हैं कि “मैं मरते समय तक किसी की सेवा नहीं लेना चाहती, बस ऐसे ही चलते-फिरते चले जाने की इच्छा है।”
समय की पाबंद थी पीएम मोदी की मां
प्रधानमंत्री मोदी खुद बताते हैं कि उनकी मां समय की बेहद पाबंद थी। वह लिखते हैं, ”मां समय की पाबंद थीं। उन्हें सुबह 4 बजे उठने की आदत थी। सुबह-सुबह ही वो बहुत सारे काम निपटा लिया करती थीं। गेहूं पीसना हो, बाजरा पीसना हो, चावल या दाल बीनना हो, सारे काम वो खुद करती थीं। काम करते हुए मां अपने कुछ पसंदीदा भजन या प्रभातियां गुनगुनाती रहती थीं। नरसी मेहता जी का एक प्रसिद्ध भजन है “जलकमल छांडी जाने बाला, स्वामी अमारो जागशे” वो उन्हें बहुत पसंद है। एक लोरी भी है, “शिवाजी नु हालरडु”, मां ये भी बहुत गुनगुनाती थीं।”