रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-आठवले (RPI-A) के मुखिया रामदास आठवले 1998 में पहली बार, साल 1999 में दूसरी बार और साल 2004 में तीसरी बार सांसद बने थे। 2009 का चुनाव उन्होंने महाराष्ट्र के शिरडी लोकसभा क्षेत्र से लड़ा था और हार गए थे। रामदास आठवले का दावा है कि चुनाव हारने के बाद सोनिया गांधी और नेशनल कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार उन्हें एक दूसरे के पास भेजकर टालते रहे।
जनसत्ता डॉट कॉम के संपादक विजय कुमार झा को दिए इंटरव्यू में रामदास आठवले कहते हैं, “2009 के चुनाव में मेरी पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ था। मैं शिरडी (महाराष्ट्र) से चुनाव लड़ा था और हार गया था। इसके बाद यूपीए सरकार बनी, जिसमें मुझे मंत्री नहीं बनाया गया। आरपीआई को सत्ता देने की आवश्यकता थी लेकिन सोनिया गांधी जी ने और शरद पवार जी ने हमें सत्ता नहीं दी। दोनों नेता बात को एक-दूसरे पर टाल दे रहे थे। इसलिए मैं बाला साहब ठाकरे जी से मिलने गया।”
बाल ठाकरे ने क्या कहा?
शिवसेना संस्थापक बाल केशव ठाकरे के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए रामदास आठवले बताते हैं, “जब यूपीए ने मुझे सत्ता नहीं दी तो मेरी बाला साहब ठाकरे से बातचीत हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि शिव शक्ति के साथ भीम शक्ति आनी चाहिए। इसके बाद शिवसेना और भाजपा के साथ मेरी आरपीआई का गठबंधन हुआ। हमने बीएमसी का चुनाव जीता। 2014 का इलेक्शन जीता। फिर विधानसभा (महाराष्ट्र) में जब भाजपा-शिवसेना की सरकार बनी तब भी मेरी पार्टी गठबंधन में शामिल थी।”
रामदास आठवले से इंटरव्यू का पूरा वीडियो Ramdas Athawale Interview Full Video
हॉस्टल से सीधे मंत्री बनने पहुंचे थे आठवले
रामदास आठवले कॉलेज के दिनों से ही महाराष्ट्र के चर्चित संगठन ‘दलित पैंथर्स’ से जुड़े हुए थे। उसी के जरिए वह राजनीति में भी पहुंचे। रामदास आठवले जब पहली बार महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बने थे, तब कॉलेज में पढ़ाई ही कर रहे थे। वह हॉस्टल से ही मंत्री पद की शपथ लेने पहुंचे थे। उन्हें चार विभागों की जिम्मेदारी मिली थी। (रामदास आठवले के राजनीति में आने की कहानी विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें)

जहां से हारे वहीं से चुनाव लड़ना चाहते हैं
रामदास आठवले 2009 के लोकसभा चुनाव में जिस शिरडी सीट से हारे थे, वह एक बार फिर वहीं से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि राज्यसभा में उनका कार्यकाल 2026 तक है। लेकिन वह शिरडी से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।
बता दें कि रामदास आठवले साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा पहुंचे थे। 2020 में वह दूसरी बार राज्यसभा सांसद बने। अब उन्होंने शिरडी से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा के बड़े नेताओं से मिलने का प्लान बनाया है। (2024 को लेकर आठवले ने जो प्लान बना रहे हैं, उसके बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें)


फिल्मों में काम करना चाहते हैं आठवले
रामदास आठवले को फिल्म देखना बहुत पसंद है। जनसत्ता डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में आठवले ने बताया कि उन्होंने आखिरी फिल्म शाहरुख खान की पठान देखी थी। उन्हें फिल्म में शाहरुख खान का काम खूब पसंद आया था। उन्हें फिल्म का चर्चित गाना ‘बेशर्म रंग’ भी खूब भाया।

आठवले के पसंदीदा हीरो अमिताभ बच्चन। अभिनेत्रियों में उन्हें ऐश्वर्या राय बच्चन का काम सबसे अधिक प्रिय है। अमिताभ ने विद्रोही तेवर वाले काफी किरदार निभाए हैं, यही वजह है कि आठवले उन्हें पसंद करते हैं। रामदास आठवले फिल्म देखने के अलावा फिल्मों में काम भी करना चाहते हैं। उन्होंने कुछ मराठी फिल्मों में काम भी किया है। (विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।)