Markandey Katju: ‘यूपी में का बा’ फेम लोक गायिका नेहा सिंह राठौर (Neha Singh Rathore) को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक कानूनी नोटिस भेजा है। पुलिस का कहना है कि ‘यूपी में का बा सीजन-2’ टाइटल से यूट्यूब व अन्य प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए गए गाने से समाज में तनाव की स्थिति पैदा हो गयी है।
सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नेहा सिंह राठौर को भेजे गए नोटिस में लिखा है, “आपके इस गीत के कारण समाज में वैमनस्य तथा तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है। … उक्त नोटिस की प्राप्ति से 3 दिवस के अंदर इसका स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। यदि आपका जवाब संतोषजनक नहीं होता है तो आपको आपके विरुद्ध आईपीसी/सीआरपीसी की सुसंगत धाराओं में न्यायोचित आवश्यक वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।”
अवैध है नोटिस – काटजू
कानपुर देहात की अकबरपुर पुलिस ने नोटिस को नेहा के ससुराल और दिल्ली स्थित आवास पर भेजा था। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने यूपी पुलिस के नोटिस को अवैध बताया है। उन्होंने अपने फेसबुक पर नोटिस की एक कॉपी शेयर की है। साथ ही एक अन्य पोस्ट में यह बताया है कि नोटिस क्यों अवैध है।

काटजू ने क्या बताई वजह?
पुलिस ने नेहा सिंह राठौर को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस भेजा है। काटजू ने धारा 160 के बारे में बताते हुए लिखा है कि, “कानपुर देहात की अकबरपुर पुलिस ने जब नेहा को नोटिस भेजा तब वह दिल्ली में थी। धारा 160 को पढ़ने से साफ पता चलता है कि अकबरपुर थाना की पुलिस केवल केवल धारा 160 के तहत एक व्यक्ति को अपने आसपास के पुलिस थाने की क्षेत्रीय सीमा के भीतर ही नोटिस दे सकती है। वे इसे दिल्ली में बैठे किसी व्यक्ति को कैसे भेज सकती हैं?”
अब तक नहीं दिया नोटिस का जवाब
13 फरवरी को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात स्थित मड़ौली गांव में मां-बेटी की जलकर मौत हो गयी थी। जब यह घटना हुई, तब पास में ही पुलिस अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही थी। घटना के बाद नेहा सिंह राठौर ने कानपुर देहात जिलाधिकारी (DM) को लेकर एक गीत गाया, जिसमें ‘यूपी में का बा, कानपुर में बाबा के डीएम भइल रंगबाज बा…’ जैसी पंक्तियां हैं।
पुलिस ने नेहा को तीन दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा था लेकिन उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया। नेहा ने नोटिस का जवाब न देने की वजह एक मीडिया संस्थान से बातचीत करते हुए बताई है। आज-तक से बात करते हुए नेहा ने कहा है, ये इतने घाघ लोग हैं कि ट्रिकी तरीके से सवाल पूछे। हां में जवाब दूं तो फंसूं और ना में दूं तब भी फंसूं।