Nizam Hyderabad: हैदराबाद के आठवें निज़ाम मीर बरकत अली खान (मुकर्रम जाह) को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। बरकत अली खान (Nizam Mir Barkat Ali) का 14 जनवरी को तुर्की के इस्तांबुल में निधन हो गया था, जहां वह पिछले एक दशक से रहते थे। तुर्की में उनकी ननिहाल और ससुराल दोनों थी। निज़ाम मीर बरकत अली खान की गिनती कभी भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में होती थी। कभी उनकी प्रॉपर्टी 1 अरब डॉलर की आंकी गई थी, लेकिन धीरे-धीरे यह घटती गई।
अब भी बरकत अली खान (Mir Barkat Ali Khan) की हैदराबाद में कई प्रॉपर्टी हैं, जिनमें नाजरी बाग पैलेस, चिरान पैलेस, पैतृक हवेली तो है ही। साथ ही वे हैदराबाद के मशहूर चौमहल्ला पैलेस और फलकनुमा पैलेस के भी मालिक थे। चौमहल्ला अब म्यूजियम बन चुका है। जबकि फलकनुमा लग्जरी होटल बन चुका है और ताज ग्रुप इसे संचालित करता है। बरकत अली के निधन के बाद अब उनके बेटे मीर मोहम्मद अजमत अली खान (Mir Azmat Ali Khan) को निजाम का टाइटल मिलेगा और अपने पिता की संपत्ति के वारिस भी होंगे।
आपको बता दे कि बरकत अली खान, मीर उस्मान अली के बेटे थे जिन्हें एक वक्त में दुनिया का सबसे अमीर शख्स कहा जाता था। आजादी से पहले जब भारत में देशी रियासतों का विलय हुआ तो उस वक्त हैदराबाद रियासत के निजाम उस्मान अली (Mir Osman Ali Khan) ही थे। मीर उस्मान अली जितना अमीर थे, उससे कहीं ज्यादा अपनी कंजूसी के लिए मशहूर थे।
दुनिया के सबसे अमीर शख्स, लेकिन टिन के बर्तन में खाते थे
मीर उस्मान अली का जिक्र करते हुए मशहूर इतिहासकार डोमिनिक लॉपियर और लैरी कॉलिन्स अपी किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ लिखते हैं कि साल 1947 में हैदराबाद के निजाम दुनिया के सबसे अमीर शख्स माने जाते थे। उस वक्त निजाम का कुल संपत्ति 17.45 लाख करोड़ आंकी गई थी। हैदराबाद के निजाम के पास इतने सोने के बर्तन थे कि एक साथ 200 लोगों को उसमें खाना खिला सकते थे, लेकिन खुद टिन के बर्तन में खाना खाते थे।
मेहमानों की जूठी सिगरेट भी नहीं छोड़ते थे
निजाम (Nizam Mir Osman Ali Khan) की कंजूसी का आलम यह था कि उनके घर कोई मेहमान आता और बुझी सिगरेट छोड़ जाता तो मेहमान के जाने के बाद उस सिगरेट के टुकड़े को जलाकर पीने लगते थे। हमेशा मैले-कुचैले और गंदे कपड़ों में नजर आया करते थे। निजाम की कंजूसी के किस्से मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा अपनी किताब ‘इंडिया ऑफ्टर गांधी’ (India After Gandhi) में भी करते हैं और लिखते हैं कि निजाम के गैराज में एक से बढ़कर एक गाड़ियां हुआ करती थीं, लेकिन खुद 1918 मॉडल की पुरानी टूटी-फूटी कार से चला करते थे।
खाना चखने वाला लेकर चलते थे साथ
मीर उस्मान बेहद शक्की मिजाज के आदमी थे। उन्हें हमेशा डर सताता था कि कोई उन्हें जहर देकर मार देगा और उनकी गद्दी और संपत्ति पर कब्जा कर लेगा। इसीलिए हमेशा अपने साथ खाना चखनेवाला एक व्यक्ति लेकर चला करते थे। निजाम को कहीं भी कुछ परोसा जाता था तो पहले वो शख़्स चखता था, उसके बाद निजाम खाते थे।
अफीम के बगैर रह नहीं पाते थे निजाम
निजाम उस्मान अली (Nizam Mir Osman Ali Khan) को अफीम की लत थी, और बगैर नशे के रह नहीं पाते थे। डोमिनिक लॉपियर और लैरी कॉलिन्स लिखते हैं कि निजाम का एक रूटीन फिक्स था, जिसमें हर दिन एक प्याली अफीम अनिवार्य तौर पर शामिल थी।