मुस्लिम लीग (All-India Muslim League) में मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) के बाद सबसे बड़ा नेता लियाकत अली खां (Liaquat Ali Khan) को माना जाता था। भारत-पाकिस्तान विभाजन (Indian Pakistan Partition) के बाद लियाकत अली पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री (First Prime Minister Of Pakistan) बने थे।
लियाकत अली ने पहली शादी अपनी चचेरी बहन जहांआरा बेगम (Jahanara Begum) से की थी। शादीशुदा होने के बावजूद लियाकत अली को चंदा मांगने आयी एक लड़की से प्यार हो गया था। कुमाऊं (Kumaon) की उस लड़की का नाम आयरीन पंत (Irene Pant) था। आयरीन पंत के पूर्वज ब्राह्मण थे लेकिन उनके दादा ने ईसाई धर्म अपना लिया था।
बाढ़ राहत के लिए चंदा मांगने पहुंची थीं आयरीन
यह घटना आयरीन के कॉलेज के समय की है। आयरीन पंत लखनऊ के उस मशहूर आई-टी कॉलेज में पढ़ा करती थीं, जो अपनी छात्राओं को आजादी देने के लिए जाना जाता था। उन्हीं दिनों बिहार में भयंकर बाढ़ आयी हुई थी। लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से आयरीन पंत और उनके साथियों ने तय किया वे बाढ़ पीड़ितों की मदद लिए चंदा जुटाएंगे। स्टूडेंट्स ने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा, जिसका टिकट बेचकर वह पैसा जुटाने वाले थे। कार्यक्रम में खुद आयरीन पंत लॉरेंस होप का लिखा मशहूर गाना ‘पेल हैंड्स आई लव्ड बिसाइड द शालीमार’ गाने वाली थीं।
‘द बेगम’ नाम से आयरीन पंत की जीवनी लिखने वाली दीपा अग्रवाल के हवाले बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि आयरीन पंत कार्यक्रम का टिकट बेचने लखनऊ विधानसभा पहुंचीं। वहां वह जिस पहले दरवाजे पर पहुंचीं वह लियाकत अली खां का था। आयरीन उन्हें टिकट खरीदने लिए कनविन्स कर रही थीं। लियाकत अली टिकट खरीदने से बचना चाहते थे। आयरीन की तमाम दलीलों के बाद वह एक टिकट खरीदने को तैयार हुए। लेकिन आयरीन चाहती थीं कि वह एक और टिकट लें।
उन्होंने लियाकत अली से कहा कि वह कम से कम एक टिकट और खरीद लें, ताकि अपने साथ किसी और को भी शो देखने के लिए लेकर जा सकें। इस पर लियाकत का जवाब था कि वह किसी को नहीं जानते इसलिए एक टिकट काफी है।
आयरीन इतने के बाद भी हार नहीं मानीं। उन्होंने कहा कि वह उनके साथ जाने के लिए एक साथी का इंतज़ाम कर देंगी। और अगर कोई नहीं मिला तो वह खुद उनके बगल में बैठकर शो देखेंगी। इस शर्त के बाद लियाकत अली ने एक और टिकट खरीद ली। हालांकि आयरीन को लियाकत अली शो की शुरुआत में नहीं दिखे और मध्यांतर के बाद अपने दोस्त मुस्तफ़ा रज़ा के साथ शो देखते पाए गए।
एक पत्र से परवान चढ़ा प्यार
आयरीन पंत और लियाकत अली खां, दोनों को वह घटना याद रही। पढ़ाई के बाद आयरीन पंत लखनऊं से दिल्ली चली गयीं। वहां उन्हें दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज में लेक्चरर की नौकरी मिल गयी। वह अर्थशास्त्र पढ़ाती थीं। उन्हीं दिनों अखबार में छपा कि लियाकत अली खां को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का उपाध्यक्ष चुन लिए गए। आयरीन ने लियाकत को बधाई देने के लिए पत्र लिखा। जवाबी पत्र में लियाकत ने आयरीन से चाय पर चलने के लिए पूछ लिया।
इस तरह सिलसिला चल पड़ा और दोनों ने 16 अप्रैल, 1933 को दिल्ली के मेडेंस होटल में शादी कर ली। जामा मस्जिद के इमाम ने उनका निकाह पढ़वाया, इस दौरान आयरीन पंत ने इस्लाम धर्म अपना लिया और उनका नाम गुल-ए-राना हो गया। बाद में वह राना लियाक़त अली खां के नाम से मशहूर हुईं। शादी के वक्त आयरीन की उम्र लियाकत अली खां से 10 साल कम थी। इस तरह कुमाऊं की एक लड़की पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री की पत्नी और पाकिस्तान की फर्स्ट लेडी बनी।