मद्रास उच्च न्यायालय ने बुद्ध पूर्णिमा पर सरकारी छुट्टी की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई हुई। याचिका में बुद्ध पूर्णिमा को सरकारी अवकाश घोषित करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी।
इस मांग पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने हल्के-फुल्के अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा, भगवान बुद्ध भी इस तरह के प्रस्ताव से सहमत नहीं हो सकते हैं। इतना कहते हुए पीठ ने याचिका खारिज कर दी।
किसने दायर की थी याचिका?
यह याचिका तमिलनाडु के विरुधुनगर जिला निवासी एमसी पांडियाराज ने दायर की थी। उनकी मांग की गई थी कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को हिंदू कैलेंडर के अनुसार गौतम बुद्ध की जयंती (बुद्ध पूर्णिमा) को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का निर्देश दिया जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि भारत, श्रीलंका और कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में अप्रैल/मई के महीने में पूर्णिमा की रात को बुद्ध पूर्णिमा बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।
उन्होंने आगे कहा, इस साल 7 फरवरी को केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग को भी लिखा था। हालांकि, उन्हें अभी तक सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी, जिसके कारण उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया।
कोर्ट ने क्या कहा?
पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा, न्यायालय केंद्र और राज्य सरकारों को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए ऐसा निर्देश कैसे पारित कर सकता है।
पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा,”यहां तक कि खुद भगवान बुद्ध ने भी इस तरह के विचार का समर्थन नहीं न करें। उन्होंने यह नहीं कहा होगा कि उनकी जयंती पर लोग कार्यालयों और स्कूलों से बाहर रहें।”
किन देशों में बुद्ध जयंती पर छुट्टी?
एशिया के कई देशों में गौतम बुद्ध की जंयती के मौके पर सार्वजनिक छुट्टी रहती है, इसमें कई कंबोडिया, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों का नाम शामिल है। बुद्ध के जन्मदिन की सही तारीख एशियाई लूनिसोलर कैलेंडर के अनुसार देखा जाता है। यह आमतौर पर अप्रैल-मई के महीने में आता है। हालांकि, लीप वर्ष के दौरान यह जून तक भी चला जाता है।
बौद्ध लेखन के सबसे पुराने संग्रह – थेरवाद तिपिटक शास्त्रों के अनुसार – बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में 623 ईसा पूर्व में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि 35 वर्ष की आयु में उन्होंने बोधगया में एक वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया और कुशीनगर में उनकी मृत्यु हुई। दुनिया भर में ऐसे कई देश हैं जो बौद्ध धर्म का पालन करते हैं और इस अवसर को अपनी परंपराओं के अनुसार मनाते हैं।
इस अवसर को मनाने वाले एशियाई देशों में बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, उत्तर कोरिया, फिलीपींस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। बुद्ध की जयंती को बौद्ध मंदिरों को अगरबत्ती और मोमबत्तियों से सजाकर भी मनाया जाता है।
कहां कैसे मनाया जाता है?
बांग्लादेश में गौतम बुद्ध की जयंती को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बौद्ध भिक्षु और पुजारी मंदिर को रंगीन सजावट और मोमबत्तियों से सजाते हैं।
कंबोडिया में बुद्ध के जन्मदिन को विशाख बोचिया के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी होता है। इस अवसर पर भिक्षु देश भर में झंडे, कमल, अगरबत्ती और मोमबत्तियां ले जाते हैं।
इंडोनेशिया में बुद्ध की जयंती को वैसाक के रूप में जाना जाता है। इस दिन इंडोनेशिया में एक बड़ा जुलूस निकाला जाता है। यह जावा में मेंडुत से शुरू होता है और बोरोबुदुर पर समाप्त होता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर है।
जापान में लोग इस उत्सव को कानबत्सु-ए या हनमत्सुरी कहते हैं। इसे 8 अप्रैल को मनाया जाता है क्योंकि बौद्ध कैलेंडर के अनुसार बुद्ध का जन्म इसी तारीख को हुआ था।
मलेशिया में बुद्ध का जन्मदिन वेसाक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी होता है। इस दिन न केवल देश भर में मंदिरों को सजाया जाता है, बल्कि पिंजरे में बंद जानवरों को मुक्त करने की रस्म भी होती है।
मंगोलिया में बुद्ध जयंती को इख दुइचेन के रूप में मनाया जाता है। वहां बुद्ध का जन्मदिन मंगोलियाई चंद्र कैलेंडर द्वारा निर्धारित किया जाता है।
उत्तर कोरिया में लोग बुद्ध के जन्मदिन को पारंपरिक अवकाश के रूप में मनाते हैं। चोपैल के रूप में जाना जाने वाला, यह एक ऐसा त्योहार है जो बौद्ध आबादी की संस्कृति का जश्न मनाता है।
दक्षिण कोरिया में बुद्ध का जन्मदिन कोरियाई चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। वहां बुद्ध की जंयती को सोक्गा तानसिनिल के नाम से जाना जाता है।
थाईलैंड में बुद्ध के जन्मदिन को विशाखा पूजा के रूप में जाना जाता है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस दिन लोग प्रवचन सुनने और दान देने के लिए इकट्ठा होते हैं।