ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कंजरवेटिव पार्टी में अपने नेतृत्व के खिलाफ खुली बगावत के बाद पद से इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि “वर्तमान स्थिति को देखते हुए मैं जिन वादों के साथ सत्ता में आई थी उन्हें पूरा नहीं कर सकी, इसका मुझे अफसोस है। इसलिये अब प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे रही हूं”
लिज ट्रस केवल 45 दिनों के लिए प्रधानमंत्री रहीं। किसी भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यह सबसे छोटा कार्यकाल है। फिलहाल ब्रिटिश पीएम की रेस में सबसे आगे भारतीय मूल के ऋषि सुनक नजर आ रहे हैं।
लिज ट्रस का नाम भी उन ब्रिटिश नेताओं की फेहरिस्त में शामिल हो गया है जो बहुत कम समय के लिए कुर्सी पर काबिज रह पाए हैं। कौन-कौन हैं इस लिस्ट में शामिल, आइये जानते हैं
जॉर्ज कैनिंग (119 दिन)
टोरी पार्टी के जॉर्ज कैनिंग 1827 में 119 दिनों के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे, पद पर रहते हुए ही उनका निधन हो गया। पद पर आसीन होने के बाद उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा था और कार्यालय में 119 दिन पूरे करने के बाद 8 अगस्त, 1827 को उनका निधन हो गया। लिज ट्रस की तरह उनकी सरकार का भी भारी विरोध हो रहा था। ट्रस से पहले, जॉर्ज कैनिंग सबसे कम समय तक प्रधान मंत्री रहने वाले व्यक्ति थे
विस्काउंट गोडेरिच (144 दिन)
फ्रेडरिक रॉबिन्सन, विस्काउंट गोडेरिच टोरी पार्टी के राजनेता थे। उन्हें कैनिंग की मृत्यु के बाद अगस्त 1827 में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। विस्काउंट गोडेरिच 144 दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने 31 अगस्त 1827 को पद संभाला था और 21 जनवरी को उन्हे पद से हटा दिया गया था।
बोनर लॉ (209 दिन)
बोनर लॉ एक स्कॉटिश पादरी के कनाडा में जन्मे बेटे थे और ग्लासगो में संसद सदस्य के रूप में चुना गया था। 1906 में लॉ ने अपनी सीट खो दी लेकिन 1911 में कंजरवेटिव पार्टी के नेता के रूप में वापसी की, जो उस समय सत्ता में नहीं थी। उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लिबरल पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के साथ काम किया, और 1922 में उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। बोनर सिर्फ 209 दिनों तक सत्ता में रहे।
विलियम कैवेंडिश (225 दिन)
विलियम कैवेंडिश 236 दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे। गुर्दे की पथरी को निकालने के लिए एक ऑपरेशन के तुरंत बाद उनका निधन हो गया था।
विलियम पेटी (266 दिन)
विलियम पेटी एक आयरिश राजनेता थे, जो 1760 में व्हिग पार्टी के साथ वायकोम्ब के लिए संसद सदस्य बने। उन्हें 1761 में हाउस ऑफ लॉर्ड्स में पदोन्नत किया गया था, और 1763 में बोर्ड ऑफ ट्रेड में पहले लॉर्ड बने, लेकिन चार महीने बाद इस्तीफा दे दिया। वे 266 दिन कुर्सी पर रहे।
भारत में भी कई नाम ऐसे हैं जिन्हें बहुत कम समय तक सत्ता में रहकर या तो इस्तीफा देना पड़ा या फिर उनकी सरकार ही गिर गयी। अटल बिहारी वाजपेयी से केजरीवाल तक कौन कौन हैं इस लिस्ट में शामिल, आइए जानते हैं
जगदंबिका पाल (1 दिन )
वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश में नाटकीय घटनाक्रम के बाद जगदंबिका पाल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, हालांकि बीजेपी ने राज्यपाल के निर्णय की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली और कोर्ट के फ़ैसले के बाद उन्हें 31 घंटे के अंदर अपना पद छोड़ना पड़ा था।
अटल बिहारी वाजपेयी (17 दिन)
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए। सबसे पहली बार सन 1996 में प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि बहुमत न होने से उनकी सरकार महज 17 दिन में ही गिर गई थी। 16 मई को पहली बार पीएम बने वाजपेयी 1 जून 1996 तक 17 दिन ही सत्ता पर काबिज रहे। बाद में 1998 फिर से सरकार बनाई लेकिन इस इस बार भी संख्याबल से मात खा गए और 13 महीने बाद 1999 में उनकी सरकार मात्र एक वोट से दूसरी बार गिर गई।
मोरारजी देसाई (2 वर्ष )
आपातकाल के बाद 1977 के चुनावों में जनता पार्टी की जीत पर देश के प्रधानमंत्री बने मोराराजी सरकार के खिलाफ कुल दो बार अविश्वास प्रस्ताव आए। अपनी हार का अंदाजा लगाते हुए मोरारजी देसाई ने 15 जुलाई 1979 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
अरविंद केजरीवाल (49 दिन )
अरविंद केजरीवाल ने 2013 में कांग्रेस के समर्थन से 49 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद फ़रवरी 2015 में हुए चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया और 70 में 67 सीटें जीतकर सत्ता में लौटे।
वीपी सिंह (1 वर्ष)
1989 के आम चुनावों में विश्वनाथ प्रताप सिंह के राष्ट्रीय मोर्चा को 146 सीटें मिलीं. वो बीजेपी (86 सांसद) और वामदलों (52 सांसद) के समर्थन से देश के सातवें प्रधानमंत्री बने। अगले ही साल उन्होंने जब मंडल कमीशन की रिपोर्ट को आंशिक तौर पर लागू किया तो उनकी सरकार के खिलाफ असंतोष शुरू हो गया। वीपी सिंह सरकार विश्वास प्रस्ताव पर नाकाम रही। बीजेपी ने सरकार के समर्थन से हाथ खींच लिया। लोकसभा के इतिहास की ये पहली गठबंधन सरकार 10 नवम्बर 1990 को गिर गई।
एच डी देवेगौड़ा (1 वर्ष )
वर्ष 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की सरकार उस वक्त गिर गयी थी जब तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी ने संयुक्त मोर्चा सरकार से समर्थन खींच लिया था। इसके बाद यही हश्र आईके गुजराल सरकार का हुआ, ये दोनों सरकारें विश्वास मत पर बहुमत नहीं जुटा पाईं थीं।