भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उनके साथ काम कर चुके लोग दावा करते हैं कि सीजेआई चंद्रचूड़ को अपने पद और पावर का बेजा इस्तेमाल बिलकुल पसंद नहीं है।
डीवाई चंद्रचूड़ की पूर्व सहकर्मी वकील मानसी चौधरी (MANASI CHAUDHARI) ने साल 2019 में जस्टिस चंद्रचूड़ के 60वें जन्मदिन पर लिखे एक ब्लॉग में दिलचस्प किस्सा साझा किया है। यह उन दिनों की बात है, जब धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट में एक सीनियर जज हुआ करते थे।
जब चंद्रचूड़ ने अपने सहकर्मियों को दी पार्टी
मानसी चौधरी लिखती हैं कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक बार अपने सहकर्मियों को दिल्ली के एक बड़े और व्यस्त रेस्टोरेंट में पार्टी दिया था। द बिग चिल (The Big Chill) नाम के इस रेस्टोरेंट में आमतौर पर बहुत भीड़ रहती है। एक टेबल के लिए भी घंटो इंतजार करना पड़ता है।
हालांकि डीवाई चंद्रचूड़ के लिए वहां अपने लिए जगह बुक करना मुश्किल नहीं था। उनके ऑफिस से एक फोन कॉल जाने पर रेस्टोरेंट का पूरा फ्लोर बुक हो सकता है। लेकिन उन्होंने एक आम आदमी की तरह विनम्रतापूर्वक अंदर आना और टेबल का इंतजार करना चुना।
क्यों इतने विनम्र हैं जस्टिस चंद्रचूड़?
जस्टिस चंद्रचूड़ की विनम्रता को देख मानसी अभिभूत थीं। उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा है, “मैं इस बात से इतनी अभिभूत थी कि मैं सर से यह पूछने से खुद को रोक नहीं पाई कि वह दिल से इतने विनम्र कैसे रह सकते हैं। सर ने बस जवाब दिया, “एक दिन, यह सब चला जाएगा। हमें इसे कभी भी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।” ये ऐसे शब्द हैं जो मुझे हमेशा याद रहेंगे।”
जब मानसी ने गलत पढ़ दी थी पूरी फाइल
मानसी अपने ब्लॉग में बताती हैं कि एक बार उन्होंने जस्टिस चंद्रचूड़ के सामने पूरी की पूरी फाइल गलत पढ़ दी थी। इससे जस्टिस चंद्रचूड़ का अच्छा-खासा समय बर्बाद हो गया था। उनकी व्यस्त जीवनशैली के लिहाज से इसे गंभीर लापरवाही मानी जा सकती है। लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ मानसी पर बिलकुल भी नाराज नहीं हुए। उल्टा एक गुरु मंत्र ही दे डाला। क्या था वह गुरु मंत्री? (यह जानने के लिए लिंक पर क्लिक कर पूरी खबर पढ़ें)