नौकरी के बदले जमीन घोटाला (Land for Job Scam) में लालू यादव के परिवार और राजद के कई नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) व सीबीआई की ताजा कार्रवाई को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बदले की राजनीति कार्रवाई बताया है। राजद नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में चुनौती दी है कि छापों के बाद तैयार की गई सीजर लिस्ट सार्वजनिक की जाए।
राजद के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज झा ने सोमवार (13 मार्च) को जब जनसत्ता.कॉम को यह जानकारी दी तो हमने उनसे कहा कि तेजस्वी खुद इसे सार्वजनिक क्यों नहीं कर देते या मीडिया को क्यों नहीं बता देते? इस पर मनोज झा ने कानून का हवाला दिया। इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया कि छापेमारी में बरामदगी के बारे में जो भी खबरें मीडिया में आई हैं, वे प्लांट की गई हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक लड़ाई बताया और कहा कि आने वाले दिनों में बहुत सारी चीजें पब्लिक डोमेन में लेकर आएंगे।
शनिवार 11 मार्च, 2023 को ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने दिल्ली-एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में लालू यादव और उनके परिवार के 24 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी ‘लैंड फॉर जॉब’ यानी जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में हुई। ईडी के सूत्रों के हवाले से मीडिया में खबर आई कि छापे के दौरान 600 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है।
मनोज झा ने जनसत्ता डॉट कॉम के संपादक विजय कुमार झा से बातचीत में कहा कि जिस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की जा चुकी थी, उसे सालों बाद खुलवाने का मतलब ही है कि यह बदले की राजनीति है। हम बदले की राजनीति को बढ़ावा नहीं देते, लेकिन अगर बिहार की सरकार भी केंद्र सरकार की राजनीति के स्तर पर उतर आई, तो मुश्किल हो जाएगी।
मनोज झा ने कहा है,
“तारीफ कीजिए कि हम उस नीचता पर नहीं उतर रहे हैं, जिस नीचता पर दिल्ली की सत्ता है। नहीं तो राज्यों के पास भी बहुत उपकरण होते हैं तबाही मचाने के। परेशान करने के। तो हमारे, हमारे सभ्य तौर तरीकों, कानून के राज के प्रति हमारे विश्वास के लिए हमारी तारीफ कीजिए। क्योंकि हम उस स्तर पर अगर उतर गए तो बड़ी मुश्किल होगी।”
बिना नाम लिए किसी मंत्री की तरफ इशारा करते हुए मनोज झा ने कहा,
“एक महत्वपूर्ण मंत्री हैं। करोड़ों पकड़ाए थे घर से। आज तक पता नहीं चला क्या हुआ। राज्य भी अपने स्तर पर तहकीकात करना शुरू कर दे तो… फिर। लेकिन हम नहीं चाहते कि वेंडेटा पॉलिटिक्स का जो मॉडल मोदी जी और अमित शाह जी ने विकसित किया है। हम उस मॉडल को खत्म करना चाहते हैं। उस मॉडल को जमीन देना। उस मॉडल को फॉलो करना… अपने -अपने राज्य में ठीक नहीं होगा। मैं समझता हूं यह अंतहीन सिलसिला है। यह चक्र कभी थमेगा नहीं।”
बता दें कि लालू यादव के परिवार के ठिकानों पर छापेमारी ‘लैंड फॉर जॉब’ यानी जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में हुई। लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए अलग-अलग रेलवे ज़ोन के ग्रुप ‘डी’ की नौकरियों के लिए अभ्यार्थियों के परिवार वालों ने जमीनें लीं। इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है और 15 मार्च के लिए समन भेजा है।