मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) अपने नरम स्वभाव के लिए जाने जाते हैं लेकिन 10 जनवरी (मंगलवार को) उन्होंने बेहद तीखी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट विकास सिंह को फटकार लगाते हुए CJI ने कहा कि उनका कोर्ट है और वही तय करेंगे कि कब और किस तरीके से काम होगा। किसी और उन्हें डिक्टेट करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
किस बात पर नाराज हुए CJI?
दरअसल, बार काउंसिल के अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट विकास सिंह (Advocate Vikas Singh), CJI की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच से SC में वकीलों के लिए चैंबर आवंटित करने वाले मामले की जल्द सुनवाई की मांग कर रहे थे। इसी दौरान विकास सिंह ने कहा कि पिछले कई मौकों पर इस केस पर सुनवाई नहीं हो सकी है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने कहा कि इस सप्ताह मामला लिस्ट करना मुश्किल है। इस पर विकास सिंह ने तर्क दिया कि मामला 9 जनवरी यानी सोमवार के लिए भी लिस्ट था। कोर्ट की प्राथमिकता ऐसे मामलों की सुनवाई करने की होनी चाहिए जो ऑलरेडी लिस्टिंग में हों।
बस इसी बात पर नाराज हो गए CJI
एडवोकेट विकास सिंह की इस बात पर सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) नाराज हो गए। चीफ जस्टिस ने कहा कि सोमवार को कोर्ट के पास कई मामले लंबित थे, तभी सुनवाई नहीं हुई। एडवोकेट विकास सिंह ने फिर तर्क दिया कि केस को जल्दी सुना जाना चाहिए, क्योंकि वकील अपने चैंबर के लिए लंबे वक्त से इंतजार कर रहे हैं।
इस पर सीजेआई (CJI Chandrachud) ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘मुझे प्रैक्टिस के बारे में न समझाएं, मेरी कोर्ट में मैं जो भी निर्धारित करूंगा वही प्रैक्टिस है। और कोई निर्देश देने या डिक्टेट करने की कोशिश ना करे। न ही इस बारे में बताने की आवश्यकता है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की इमेज एक लिबरल जज की है।जस्टिस चंद्रचूड़ समय के बेहद पाबंद हैं। उन्होंने खुद बताया था कि हर सप्ताह करीब 250 केस पढ़ने पड़ते हैं। इसीलिये वे हर दिन सुबह 3.30 बजे जग जाते हैं। 9-10 बजे तक अपना सारा काम खत्म कर लेते हैं, उसके बाद कोर्ट के लिए निकल जाते हैं। वेस्टर्न म्यूजिक के शौकीन जस्टिस चंद्रचूड़ बताते हैं कि हर दिन रात को कम से कम 2 घंटे पढ़ाई करते। पूरी खबर पढ़ें इस लिंक पर…