खुद को PMO (प्रधानमंत्री कार्यालय) का एडिशनल डायरेक्टर बताने के आरोपी किरण पटेल (Kiran Patel) को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अहमदाबाद (गुजरात) के रहने वाले किरण भाई पटेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 419,420,467,468 और 471 का मामला दर्ज किया गया है। उनके पास से दस फर्जी विजिटिंग कार्ड और और दो मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।
किरण पटेल ने कश्मीर में खुद को पीएमओ का एडिशनल डायरेक्टर बताया था। वह वहां सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की निगरानी में घूम रहे थे। उन्हें हाई सिक्योरिटी और बुलेटप्रूफ गाड़ी भी मिली थी। हालांकि उनकी पोल खुल गई। अक्टूबर 2022 से कश्मीर में वीआईपी ट्रीटमेंट का लाभ उठा रहे किरण पटेल को 3 मार्च, 2023 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद किरण पटेल ने पुलिस के सामने अपना अपराध कुबूल किया था।
संतों के नाम पर भी कर चुके हैं धोखाधड़ी
किरण भाई पटेल गुजराती मीडिया में अक्सर चर्चा में रहते हैं। इंडिया टुडे ग्रुप की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें गुजरात भाजपा का नेता माना जाता है। वह अक्सर भाजपा कार्यालय में देखे जाते हैं। हालिया मामले के बाद किरण पटेल की मेनस्ट्रीम मीडिया में भी खूब चर्चा है। किरण पटेल पर पहले भी धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। गुजरात पुलिस ने उन्हें और उनके भाई मनीष पटेल को 78 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पकड़ा भी था।
टाइम्स ऑफ इंडिया में 25 फरवरी, 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, किरण पटेल ने शेखी बघारी थी कि वह एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का सदस्य है और राज्य के शीर्ष नौकरशाहों के बहुत करीब है। तब किरण पटेल नरोदा में अमरपार्क सोसाइटी में अपने परिवार के साथ रहते थे।
उन्होंने लोगों को यह वादा किया कि अगर वह अपनी कार को मंदिर के संतों के इस्तेमाल के लिए देते हैं, तो एक कार के लिए प्रतिमाह 30,000 रुपये किराया मिलेगा। यह एक आकर्षक सौदा था। किरण के झांसे में एक सेवानिवृत्त पुलिस सब-इंस्पेक्टर मीठाभाई परमार आ गए।
गुजरात समाचार कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, किरण ने मीठाभाई परमार से कहा कि वडताल स्वामीनारायण मंदिर के महंत स्वामी मेरे परिचित हैं और उन्हें मंदिर में साधु-संतों के लिए कार चाहिए आपको 25 से 30 हजार रुपए मिलेंगे।
इसके वादे के बाद किरण पटेल और उनके भाई मनीष पटेल मीठाभाई परमार की 16 कार ले गए। हर माह किराया देने का वादा था। लेकिन किरण किराया देने से मना करने लगे। उनके भाई मनीष ने अपना फोन बंद लिया। इधर मीठाभाई परमार परेशान कि उनकी कारें कहां है।
किसी तरह किरण पटेल से संपर्क हुआ। उसने कहा कि आपके कारों की कीमत लगभग एक करोड़ है। मैं आपको 78 लाख दे देता हूं। इसके बाद किरण ने एक 40 लाख और एक 38 लाख रुपये का चेक काट दिया।
किरण ने जिस बैंक खाते से चेक दिए थे, उसकी जांच करने पर पता चला कि उसके बैंक खाते में केवल 113 रुपये हैं। जब फिर से किरण से संपर्क किया गया और कार वापस करने के लिए कहा गया, तो उसने भड़कते हुए कहा तुम जो कर सकते हो करो। उसके बाद मीठाभाई परमार के बेटे राहुल परमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।